उत्तरकाशी टनल में 40 नहीं 41 मजदूर फंसे! 7वें दिन मिली जानकारी, पीएमओ से पहुंची टीम

Spread the love

उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य चल रहा है। आज रेस्क्यू ऑपरेशन का सातवां दिन है। वहीं बड़ी खबर ये सामने आई है कि सिलक्यारा सुरंग में 40 नहीं बल्कि 41 मजदूर फंसे हुए हैं। सात दिन बाद इसकी जानकारी मिली है। 41वें व्यक्ति का नाम दीपक कुमार (पुत्र शत्रुघ्न) निवासी मुजफ्फरपुर गिजास टोला बिहार बताया गया है। इसके साथ ही इंदौर से एक मशीन एयरलिफ्ट कर मंगवाई गई है जो देर रात जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची थी। वहां से घटनास्थल पहुंच चुकी है। मशीन के पार्ट्स भी कंडीसौड़ पहुंच चुके हैं। मशीन को असेंबल किया जाएगा।

वहीं उत्तरकाशी के सिलक्यारा में रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ ही देहरादून में भी धामी सरकार सभी श्रमिकों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकालने को लेकर प्लानिंग में लगी हुई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में अफसरों के साथ मीटिंग की। बैठक में सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन कार्यों की समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार उत्तरकाशी के सिलक्यारा में टनल रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अपडेट ले रहे हैं तो पीएमओ से अफसर भी सिलक्यारा आकर रेस्क्यू कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं। आज पीएमओ दिल्ली से प्रधानमंत्री दफ्तर के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल सिलक्यारा टनल रेस्क्यू स्थल पहुंचे. मंगेश घिल्डियाल को उत्तराखंड का काफी अनुभव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय से पांच सीनियर अफसरों की टीम उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल रेस्क्यू स्थल पर पहुंची है। टीम में मंगेश घिल्डियाल, डिप्टी सचिव, पीएमओ, वरुण अधिकारी, जियोलॉजिस्ट इंजीनियर, महमूद अहमद, डिप्टी सचिव, भास्कर खुल्वे, ओएसडी, टूरिज्म और अरमांडो कैपलैन, एक्सपोर्ट इंजीनियर शामिल हैं। रेस्क्यू टीम के साथ समन्वय बनाकर काम करेगी। सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन अब इतना व्यापक हो चुका है कि विदेशी विशेषज्ञ भी इसमें हाथ बंटा रहे हैं। नार्वे से भी कुछ विशेषज्ञ उत्तरकाशी पहुंचे हैं। इसके साथ ही रेल विकास निगम लिमिटेड की ऑस्ट्रेलियाई कंसल्टेंसी कंपनी के एक्सपर्ट भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के इंदौर से मंगाई गई तीसरी हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन भी मौके पर पहुंची है। सिलक्यारा टनल में दो ऑगर मशीन पहले से ही रेस्क्यू वर्क में लगाई गई हैं। बताया जा रहा है कि इन भारी मशीनों से ड्रिलिंग के दौरान सुरंग में कंपन हो रहा है। इससे मलबा गिरने का खतरा बढ़ जा रहा है। सिलक्यारा टनल में ड्रिलिंग कर रही ऑगर मशीन 1750 अश्वशक्ति की है। अभी तक पांच पाइप जोड़े गए हैं। शुक्रवार शाम को एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलखो ने बताया था कि अमेरिकी हेवी ऑगर मशीन से 22 मीटर ड्रिलिंग का काम किया जा चुका है। इसके बाद ड्रिल का काम रोका गया था। बताया जा रहा था कि अमेरिकी ऑगर मशीन की बेरिंग में खराबी आ गई थी। एक तरफ सिलक्यारा टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है। दूसरी तरफ भगवान से टनल में फंसे 40 मजदूरों के सकुशल रेस्क्यू के लिए प्रार्थना का दौर भी जारी है। सिलक्यारा की सुरंग में फंसे मजदूरों की सलामती के लिए प्रार्थना करने को टनल के मुख्य द्वार पर एक मंदिर बनाया गया है। पुजारी नियमित रूप से इस मंदिर में प्रार्थना कर रहे हैं।


Spread the love