उत्तराखंड में मामा बनकर साइबर ठगों ने की ठगी! आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से काल करने का संशय

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हेलो मैंने पहचाना नहीं, कौन? पहचानो-पहचानो। अरे मामा। हां सही पहचाना। भांजे मुझे कुछ रुपये की जरूरत है। काम होते ही रुपये लौटा दिए जाएंगे। इस तरह के फोन आपके पास आ रहे हैं तो सतर्क रहें। फोन करने वाला साइबर ठग हो सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से हुबहू आवाज निकालकर साइबर ठगी हो रही है। कुमाऊं में ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसे लेकर पुलिस ने सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं। साइबर थाना पुलिस स्टेशन रुद्रपुर में 20 ऐसे मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें परिचित की आवाज समझकर ठगी हुई। अधिकारियों के अनुसार, शिकायतकर्ताओं ने बताया कि उन्हें फोन आए। आवाज जानी पहचानी सी लग रही थी। फोन करने वाले ने कहा- पहचानो कौन। अधिकांश मामलों में ठगों ने खुद को मामा बताया है। इसके बाद कई तरह की बहानेबाजी कर झांसे में लिया और रुपये ठग लिए। 10 हजार से लेकर एक लाख तक की ठगी हो चुकी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार ये आवाज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बदली हुई हो सकती है। इससे बचने के लिए लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। साइबर ठग अक्सर फोन कर बोलते हैं- पहचाना या नहीं। लोग थोड़ी देर बाद उन्हें अपना कोई रिश्तेदार समझ जाते हैं। इसके बाद गाढ़ी कमाई लुटा दी जाती है।

केस- 1: काशीपुर निवासी युवक ने साइबर क्राइम स्टेशन में मौखिक सूचना दी। उसने बताया कि जून में उसके पास एक फोन आया। आवाज पहचानी लग रही थी। ठग कई बार बोलता रहा- पहचानो। उसे लगा मामा हैं। इसके बाद बिना कुछ सोचे आरोपित के बताए खाते में रुपये डाल दिए।

केस-2: अल्मोड़ा के एक युवक ने फोन कर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से शिकायत की। बताया कि कुछ दिन पहले अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाला युवक उनका परिचित बन बैठा और झांसे में लेकर 20 हजार ठग लिए।


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