रुद्रप्रयाग का जवान अरविंद सिंह पंचतत्व में विलीन, पार्थिव शरीर से लिपटकर रोयीं बेटी और पत्नी

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रुद्रप्रयाग के स्वाड़ा गांव में जैसे तिरंगे में लिपटा जवान अरविंद सिंह का पार्थिव शरीर पहुंचा तो लोगों की आंखें नम हो गई। शहीद की पत्नी राखी रावत और बेटी आरोही जवान की देह से लिपट गए और फफक-फफर कर रो पड़े। बूढ़े माता पिता की आंखें भी भर आई। वहीं मंदाकिनी के तट पर जवान अरविंद सिंह को अंतिम सलामी दी गई। इसके बाद जवान पंच तत्व में विलीन हो गए।

रुद्रप्रयाग के बड़मा पट्टी के स्वाड़ा के जवान अरविंद सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। आज सैन्य सम्मान के साथ जवान अरविंद सिंह को मंदाकिनी नदी के तट पर अंतिम विदाई दी गई। जवान अरविंद सिंह को श्रद्धांजलि देने और उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी रही। अरविंद सिंह जम्मू कश्मीर में 17 गढ़वाल राइफल में तैनात थे। बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले के बड़मा पट्टी के स्वाड़ा (डंगवालगांव) के 39 वर्षीय अरविंद रावत 17 गढ़वाल राइफल्स में जम्मू के उधमपुर में तैनात थे। वे साल 2002 में सेना में भर्ती हुए थे। बीती 8 जून को ड्यूटी के दौरान अचानक उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था। जिसके बाद उन्हें मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान जवान अरविंद सिंह ने दम तोड़ दिया। भारतीय सेना के वाहन से जवान अरविंद सिंह के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव स्वाड़ा लाया गया। स्वाडा गांव में उनके 80 वर्षीय पिता कुंवर सिंह रावत और मां रहती हैं। तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर जैसे ही घर पहुंचा तो स्वाड़ा गांव का माहौल गमगीन हो गया। बूढ़ी आंखें नियति के खेल से स्तब्ध थीं। शहीद की पत्नी राखी रावत और 8 वर्षीय बेटी आरोही फफकते हुए पिता की देह से लिपट गए।

स्वाड़ा गांव के पांडव चौक में शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। जिसके बाद परिजन जवान के देह को ‘अरविंद सिंह अमर रहे’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ पैतृक घाट पर ले गए। जहां रुद्रप्रयाग सैनिक कल्याण अधिकारी, रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, बीजेपी जिलाध्यक्ष महावीर सिंह पंवार, जखोली एसडीएम चरणराम और सेना की ओर से कैप्टन अभिषेक सिंह ने पुष्प चक्र के जरिए श्रद्धासुमन अर्पित किए। शहीद की यूनिट 17 गढ़वाल से हवलदार कुलदीप सिंह गुसाईं साथ में थे। पुष्प चक्र अर्पित करने के बाद सेना के जवानों ने जवान अरविंद सिंह को अंतिम सलामी दी और तिरंगे को शहीद के भाई हनुमंत सिंह और राजमोहन सिंह को सौंपा। जिसके बाद उन्होंने ही शहीद जवान को मुखाग्नि दी। तमाम जनप्रतिनिधियों और बड़मा पट्टी के ग्रामीणों ने शहीद जवान अरविंद सिंह को श्रद्धांजलि दी।


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