उत्तराखण्डः रामनगर पहुंची जिलाधिकारी वंदना सिंह! आपदा क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण, बिजली विभाग के अधिकारियों को लगाई लताड़

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रामनगर। रामनगर पहुंची जिलाधिकारी वंदना सिंह ने दैवीय आपदा से संबंधित विभिन्न कार्यों एवं विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। वहीं उन्होंने आपदा से हर वर्ष ग्रसित होने वाले गांव चुकुम सांवल्दे पूर्वी व अन्य क्षेत्रों में बन रहे तटबंधों का भी निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने समय पर लोपिंग न करने को लेकर विद्युत विभाग के अधिकारियों को भी लताड़ लगाई। बता दें कि आज जिलाधिकारी वंदना सिंह रामनगर पहुंची जहां उन्होंने आपदा प्रवाहित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। मीडिया से रूबरू होते हुए जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि रामनगर क्षेत्र में जो पिछले दिनों वर्षा हुई थी उसमें ऐसे कई सारे क्षेत्र हैं जहां कई जगह जल भराव के साथ ही नदी नालों की वजह से भू कटाव हुआ था, जिससे नदी नालों का पानी आबादी क्षेत्र की तरफ आने की समस्याएं सामने आई थी। ऐसे क्षेत्रों में राजस्व की टीम ने सिंचाई विभाग के साथ ही इन क्षेत्रों का निरीक्षण किया था। जहां तात्कालिक राहत सहायता दी जानी है, वहां कार्य आरंभ किए गए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि ज्यादातर एरिया जहां भूकटाव के मामले प्रकाश में आए हैं वह क्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत आते हैं तो फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने तत्परता दिखाते हुए इसमें सभी खतरनाक स्थलों का निरीक्षण करके आपदा के अंतर्गत कार्य प्रारंभ कर दिया है। जिलाधिकारी ने कहा कि मानसून को देखते हुए सभी विभागों को आपदा के संबंध में यह निर्देश दिए गए हैं कि हर वक्त अलर्ट रहेंगे। साथ ही हर वर्ष बरसात के मौसम में नदी आने से मोहन क्षेत्र के पास रह रहे चुकम गांव का संपर्क आसपास के क्षेत्र से कट जाता है, उस क्षेत्र में जाकर भी जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया साथ ही नियम अनुसार सुरक्षात्मक कार्य किये जाने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने रामनगर के ढेला नदी व कसेरुवा रपटे पर पुल बनाने को लेकर कहा कि इसकी प्रक्रिया गतिमान है। जल्द ही इसका सेंसन मिलते ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने पनोद और धनगढ़ी पुल के निर्माण को लेकर कहा कि पनोद और धनगढ़ी पुल का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है जल्द ही इसको पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने मंडी समिति के सामने रेलवे की भूमि पर जहां पहले नमक फैक्ट्री स्थापित थी वर्तमान में इस फैक्ट्री की लीज समाप्त हो गई है। उन्होंने इस मामले में मौजूद प्राधिकरण के अधिकारियों से रेलवे विभाग से पत्राचार करने के निर्देश भी दिए।


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