उत्तरकाशी के कालिंदीखाल ट्रैक से 11 दिन बाद गंगोत्री पहुंचा गाइड का शव!तबीयत बिगड़ने से हुई थी मौत

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उत्तरकाशी के कालिंदीखाल ट्रैक पर गए 35 सदस्यीय दल के मुख्य गाइड की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई थी। जिसका बीते दिन 11 दिन बाद शव गंगोत्री पहुंचा। जहां से शव को जिला अस्पताल भेजा गया। शव को लेने के लिए स्थानीय ट्रेकिंग एजेंसी का 10 सदस्यीय दल गया था। वहीं आधे रास्ते तक एसडीआरएफ की टीम भी गई थी। वहीं ट्रेकिंग एजेंसी की ओर से जिला प्रशासन को घटना की सूचना दी गई थी। फिलहाल पुलिस ने शव के पंचनामा की कार्रवाई शुरू कर दी है।

आपको बता दें कि मई माह के अंतिम सप्ताह में 14 ट्रेकर्स सहित 35 सदस्य दल कालिंदीखाल ट्रैक के लिए रवाना हुआ था। जो मौसम खराब होने की वजह से करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर बेस कैंप में रुक गए थे. इसी बीच दल के मुख्य गाइड विपेंद्र राणा निवासी रैथल की अचानक तबीयत खराब होने से मौत हो गई। जिसकी सूचना स्थानीय ट्रेकिंग एजेंसी ने 4 जून को जिला प्रशासन को दी। उसके बाद अगले दिन स्थानीय ट्रेकिंग एजेंसी का एक 10 सदस्य दल शव लेने कालिंदीखाल ट्रैक के लिए रवाना हुआ। वहीं उसके दो दिन बाद एसडीआरएफ का चार सदस्य दल भी मदद के लिए रवाना हुआ। करीब 11 दिन बाद गुरुवार को स्थानीय ट्रेकिंग एजेंसी का दल शव को लेकर भोजबासा पहुंचा। जहां से शव को गंगोत्री पहुंचाया गया। जिसके बाद गाइड के शव को जिला अस्पताल भेजा गया। पुलिस शव के पंचनामा की कार्रवाई शुरू कर दी है.गौर हो कि दुनिया के सबसे ऊंचे ट्रैक रूट में शामिल कालिंदीखाल ट्रैक रोमांच और जोखिम से भरा हुआ है। कालिंदीखाल-बदरीनाथ ट्रैक पर बर्फीले क्षेत्र से होकर गुजरना पड़ता है। कई बार खराब मौसम के कारण ट्रैकर रास्ता भटक जाते हैं। इस ट्रैक पर कई हिमाच्छादित पर्वत श्रृंखलाओं का दीदार होता है।


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