उत्तराखंड विधानसभा चुनाव: कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेताओं को अभी करना होगा टिकट का इंतजार, 17 सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर असमंजस में पार्टी

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देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने अपनी पहली सूची जारी करते हुए 53 प्रत्याशियों की घोषणा तो कर दी है लेकिन अब भी 17 सीटों पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर असमंजस जारी है। इतना ही नही बल्कि अब तक तो प्रदेश के सबसे लोकप्रिय और वरिष्ठ नेता पूर्व सीएम हरीश रावत की सीट भी पार्टी अभी तक तय नहीं कर पाई है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत की चाह थी कि पार्टी उन्हें एक बार फिर से मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनावी मैदान में उतारे। यह भी माना जा रहा है की यह उनका अंतिम विधानसभा चुनाव भी हो सकता है, इसलिए हरीश रावत चाहते हैं कि वे एक बार और प्रदेश का नेतृत्व करें, लेकिन अब चुनाव आने महज कुछ ही दिन बाकी है लेकिन अभी तक हरीश रावत स्वयं और उनकी पार्टी दोनों यह तय नहीं कर पाई है कि वे कहां से चुनाव लड़ें।

चर्चाएं चल रही है कि हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण और रामनगर में से किसी एक सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन वे किस सीट से चुनाव लडेंगे, यह अभी तक तय नही हो पाया है। अभी इन दोनों में से किसी सीट पर पार्टी ने उम्मीदवार घोषित नहीं किये हैं। रामनगर में उत्तराखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत तैयारी कर रहे हैं।

उन्होंने पिछला चुनाव भी यहीं से लड़ा था, लेकिन वह चुनाव वे हार गए थे। रंजीत रावत पहले हरीश रावत के दायां हाथ माने जाते थे। मगर पिछले कुछ समय से दोनों के बीच आपसी असमंजस चल रहे है। पार्टी के कुछ लोगों का कहना है कि रणजीत रावत रामनगर से चुनाव लड़ना चाहते हैं, वहीं हरीश रावत की पहली पसंद भी रामनगर सीट है। इसलिए इस सीट पर कांग्रेस पार्टी फैसला नहीं कर पा रही है।

हरीश रावत चाहते हैं कि रामनगर से वे चुनाव लड़ें और रणजीत रावत को सल्ट भेजा जाए। रणजीत रावत सल्ट से चुनाव लड़ चुके हैं, उस सीट का उन्होंने प्रतिनिधित्व भी किया है। इसके अलावा कुछ दिनों पहले पार्टी के विभिन्न पदों से बर्खास्त पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्ण कैबिनेट मंत्री किशोर उपाध्याय पर भी पार्टी कोई निर्णय नहीं कर पाई है।

किशोर उपाध्याय टिहरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं, यहां से वे विधायक भी रहे हैं। लेकिन पिछले चुनाव पार्टी ने उन्हें साहसपुर से लड़वाया था और वे हार गए थे। इस बार वे टिहरी से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन पार्टी ने न तो अभी उनका सीट कंफ़र्म किया है और न ही टिहरी से उम्मीदवार घोषित की है।

इसी प्रकार दो दिन पहले हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी होने के बाद भी उनको लेकर पार्टी असमंजस में है। उनका पसंदीदा सीट डोईवाला, चौबट्टाखाल, लैंसडाउन है। कांग्रेस अभी इन तीनों सीटों को रखा है। ऐसे में उनको लेकर अभी भी असमंजस बरकरार हैं कि पार्टी उन्हें चुनाव लड़ाएगी या नहीं। वरिष्ठ पत्रकार दाताराम चमोली बताते हैं, ‘कांग्रेस में हरीश रावत और प्रीतम सिंह के बीच ज्यादा से ज्यादा अपने समर्थकों को टिकट देने पर रार चल रहा है, इसलिए कई बड़े नेताओं की सीट भी पार्टी अभी तक तय नहीं कर पाई है।


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