सावधान! सोच समझकर करें उत्तराखंड चारधाम यात्रा का वीडियो पोस्ट,मुकदमा भी हो सकता है दर्ज

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उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 को लेकर लगातार कई वीडियो और न्यूज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें कई फेक है। जिसको लेकर अब शासन ने एक्शन लेने का मन बना लिया है। उत्तराखंड शासन की तरफ से साफ किया गया है कि फेक न्यूज और वीडियो के जरिए यदि किसी ने भी उत्तराखंड चारधाम यात्रा को बदनाम करने का प्रयास किया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 को लेकर यदि अब कोई भी व्यक्ति फेक वीडिया या न्यूज वायरल करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई जाएगी। बुधवार 15 मई को उत्तराखंड सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद ये निर्णय लिया गया है। उत्तराखंड चारधाम यात्रा से संबंधित फेक वीडिया या न्यूज पोस्ट करने वाली संस्थान और व्यक्ति पर तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा बैठक में उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 से संबंधित कई और फैसले भी लिए गए। बीती दस मई को गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 की शुरुआत हो गई थी। वहीं 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुले थे। इन 6 दिनों में चारोंधाम में करीब दो लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए है। वहीं 11 भक्तों की जान भी गई है। हालांकि सभी भक्तों की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। वहीं उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 से जुड़े कुछ वीडियो भी सामने आए है जिनको लेकर शासन ने अब सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। शासन की तरफ से स्पष्ट निर्देश दिए गए है कि चारधाम यात्रा का दुष्प्रचार करने वाले और यात्रा के संबंध में फेक न्यूज या वीडियो बनाने वालों के खिलाफ कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि फेक न्यूज या वीडियो के माध्यम से यात्रा को बदनाम करने वाले तत्वों के विरूद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इसके अलावा अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को भी बिना रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियों के मामले पर पत्र लिखा गया है। वहीं मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को अपने मोबाइल 24 घंटे खुले रखने और यात्रा से सम्बन्धित शिकायतों को अनिवार्यत सुनने के कड़े निर्देश भी दिए है। साथ ही जिलों में तैनात प्रभारी सचिवों को नियमित रूप से यात्रा की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए है। वहीं सचिव स्वास्थ्य ने जानकारी दी कि इस बार यात्रा रूट पर 184 चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इनमें 44 स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स हैं। इस बार श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कैथ लेब शुरू की गई हैं। ये कुल 11 भाषाओं में यात्रा सम्बन्धित एसओपी जारी की गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य जांच से लेकर तमाम सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

 


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