उत्तराखंड हाईकोर्ट ने UKSSSC पेपर लीक में आरोपी प्रिंटिंग प्रेस के मालिक राजेश चौहान की जमानत याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने उन्हें जमानत दे दी है। जमानत प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि वो अगस्त 2022 से देहरादून की जेल में बंद है। एसटीएफ देहरादून ने उसे पेपर लीक के मामले में अभियुक्त बनाया है। जबकि उसका नाम एफआईआर में नहीं था। पुलिस द्वारा उसे सह अभियुक्त के बयानों के आधार पर इस मामले में पक्षकार बनाया गया. वो पिछले आठ महीने से जेल में बंद है।
जमानत प्रार्थना पत्र में यह भी कहा गया है कि उसके खिलाफ इस मामले में चार मुकदमे दर्ज हुए हैं। इनमें से उसे एक मुकदमे में पहले ही निचली अदालत से जमानत मिल चुकी है। एक मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तीसरा मामला हाईकोर्ट में है। एक मामला अभी निचली अदालत में लंबित है। आज इस मामले में उसकी तरफ से नारायण हरि गुप्ता अधिवक्ता ने पैरवी की। राजेश चौहान पर आरोप है कि उसने यूकेएसएसएससी परीक्षा का पेपर लीक करवाया था। एसटीएफ की टीम ने उसे 27 अगस्त 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। राजेश कुमार चौहान लखनऊ की आरएमएस प्रिंटिंग प्रेस का मालिक है। आरोप है कि इसी प्रेस से उन्होंने पेपर लीक करवाया था। एसटीएफ ने उन पर अन्य आरोपियों के साथ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 409 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया था तब से राजेश चौहान जेल में है।