जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी, आरोपी समीर गिरफ्तार

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प्रदेश मुख्यालय देहरादून में जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर 4.50 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाला आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। आरोपी के बैंक खाते में 30 लाख रुपए भी मिले हैं। ऐसे में उसके खाते को फ्रीज कर दिया गया है। जिस जमीन के नाम पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी हुई है उस जमीन पर पहले भी धोखाधड़ी के मामले में पुलिस कई आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज चुकी है। इस जमीन को कई भूमाफिया अपना बता चुके हैं। इसके अलावा कई भूमाफिया कब्जा करने की नियत से फर्जी दस्तावेज भी तैयार कर चुके हैं। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.गौर हो की बीती 17 मई को पौड़ी जिले के लक्ष्मण झूला निवासी अशोक अग्रवाल ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके परिचित विजय कुमार गुप्ता और राधावल्लभ गुप्ता को भटनागर व वर्मा ने क्लेमेंट टाउन में सहारनपुर रोड पर एक जमीन दिखाई थी. जिसके बाद जमीन की डील 11.50 करोड़ में तय की गई। 1 दिसंबर 2022 को 25 लाख रुपए ब्याने के रूप में समीर कामयाब के खाते में ट्रांसफर किए और 5 लाख रुपए नगद दिए। रोहित पांडे की ओर से बताया गया कि संपत्ति फातिमा बेगम के नाम है और समीर कामयाब फातिमा का बेटा है। डील तय होने के बाद समीर कामयाब और अन्य लोग पीड़ित को जमीन दिखाने ले गए. वहां जमीन का मुआयना कराते समय उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री के लिए फोटो खिंचवाई। जिसके बाद सभी लोग पीड़ित को लेकर वकील सहगल के चेंबर में गए।

वकील ने जमीन से संबंधित सभी कागजात दिखाए और कागज को सही बताकर जमीन खरीदने की सलाह दी। इसके बाद पीड़ित ने सभी लोगों पर विश्वास जताते हुए 14 फरवरी 2023 को रजिस्ट्री टाइप करवाई। 15 फरवरी को समीर कामयाब ने पीड़ित के नाम रजिस्ट्री कराई। पीड़ित अशोक अग्रवाल ने बताया कि उसने समीर कामयाब के खाते में 2 करोड़ 40 लाख तो 1 करोड़ 85 लाख रुपए विजय सारस्वत और रोहित पांडे को नगद दिए। बाकी जमीन पर कब्जा होने के बाद देने की बात कही। पीड़ित अशोक अग्रवाल का आरोप था कि जब जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए कहा तो सभी लोग इधर उधर की बातें करने लगे। शक होने पर पीड़ित ने आस पास के लोगों से जानकारी जुटाई तो पता चला कि जमीन पहले से विवादित है। जिसमें पहले भी मुकदमे चल रहे हैं और जमीन डीके मित्तल की है। जब यह बात उन लोगों को बताई गई तो डीके मित्तल की जमीन इससे एक किलोमीटर आगे होने की बात कही गई। साथ ही जल्द जमीन पर कब्जा दिलाने की बात की गई लेकिन आज तक उन्हें कब्जा नहीं मिला.इसके बाद पीड़ित ने पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया। बताया जा रहा है कि जमीन पर पहले भी मुकदमा चल रहा है और जमीन मालिक समीर कामयाब के खिलाफ गैंगस्टर समेत कई मुकदमे दर्ज हैं। समीर के खिलाफ थाना पटेल नगर में गैंगस्टर के तहत भी मुकदमा पंजीकृत है। जिसका काम जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर लोगों से पैसा हड़पना है। पीड़ित की तहरीर के आधार आरोपियों के खिलाफ थाना क्लेमेंट टाउन में मुकदमा पंजीकृत किया गया।

देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई। जब समीर कामयाब की तलाश की गई तो पता चला कि उसके खाते में काफी पैसे हैं और वो भागने की फिराक में है। जिस पर समीर कामयाब को उसके घर से पूछताछ के लिए लाया गया। बाद में पूछताछ कर समीर को गिरफ्तार किया गया। समीर कामयाब एक शातिर किस्म का है जिसके खिलाफ पहले भी जमीन संबंधी धोखाधड़ी के मुकदमे पंजीकृत हैं। एसएसपी कुंवर ने कहा कि जमीन सहारनपुर रोड से लगी हुई है। जो डीके मित्तल निवासी क्लेमेंट टाउन देहरादून की है। जिनकी पत्नी स्व. सुशीला मित्तल की मृत्यु 2021 में कोरोना के कारण हो गई थी। जिनका कोई वारिस न होने के कारण आरोपियों ने षड्यंत्र के तहत कूट रचित दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी की। पहले भी जमीन के आरोपी बाबर हुमायूं ने भी फर्जी दान पत्र के माध्यम से कूट रचित दस्तावेज तैयार कर 9 विक्रय पत्र जारी किए थे। जिस संबंध में डीके मित्तल ने भी साल 2021 में मुकदमा पंजीकृत कराया था। जिसमें आरोपी बाबर हुमायूं को गिरफ्तार किया गया था।


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