देहरादून की सफाई व्यवस्था में लगाए नगर निगम की ओर से स्वच्छता समिति के तहत सफाई कर्मचारियों के नाम पर हुए करोड़ों रुपए के वेतन फर्जीवाड़े में मामले में रिपोर्ट नगर आयुक्त के पास आ गई है। अब नगर निगम रिकवरी की तैयारी कर रहा है। नगर आयुक्त ने चार बिंदुओं पर अपर नगर आयुक्त से आख्या मांगी है। नगर निगम के 100 वार्डों में से 22 वार्डों में 99 फर्जी सफाई कर्मचारी दिखाकर कर करोड़ों रुपए का गबन किया गया है।
देहरादून नगर निगम क्षेत्र में 60 करोड़ के कथित गड़बड़झाले पर अब नगर निगम विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने जा रहा है। खास बात यह है कि प्रदेश में निकाय चुनाव से पहले देहरादून के 20 से ज्यादा पार्षदों को इस मामले में झटका लग सकता है। प्रकरण सफाई कर्मियों के नाम पर लाखों रुपए डकारने से जुड़ा हुआ है। देहरादून नगर निगम के 100 वार्डों में सफाई व्यवस्था के लिए रखे गए सफाई कर्मी जांच के दायरे में आ गए हैं। मामले में पहले ही नगर निगम के स्तर पर जांच हो चुकी है जबकि इसके बाद देहरादून मुख्य विकास अधिकारी के स्तर से भी अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी जा चुकी है। खास बात यह है कि नगर निगम की ही जांच में 99 सफाई कर्मचारी का सत्यापन ना हो पाने की बात कही गई है। माना गया है कि इस मामले में करीब 60 करोड़ तक का गड़बड़झाला हुआ है। इसी को देखते हुए अब नगर निगम आयुक्त गौरव कुमार ने मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी अवनीश खन्ना को पत्र लिखकर मामले की तीन दिन के भीतर विस्तृत जांच तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं।
सबसे ज्यादा परेशानी अब उन पार्षदों के लिए है जिनके क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों का सत्यापन नहीं हो पाया है। दरअसल प्रदेश में निकाय चुनाव के लिए जल्द ही तारीखों का ऐलान होने की बात कही जा रही है। इस बीच कथित गड़बड़झाले का मामला सामने आने के बाद ऐसे पार्षदों के चुनाव लड़ने को लेकर संदेह की स्थिति पैदा हो गई है। देहरादून नगर निगम के 100 वार्डों में से अधिकतर वार्डों में भाजपा या कांग्रेस के अलावा निर्दलीय पार्षद जीतकर आए हैं। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले गड़बड़ी से जुड़ा मामला सामने आने के चलते इन पार्षदों के लिए परेशानी हो सकती है। वार्ड स्तर पर बनाई गई समितियों द्वारा ही सफाई कर्मियों को रखे जाने की जिम्मेदारी निभाई जा रही थी। इसके अलावा इन कर्मचारियों को मजदूरी भी इन्हीं के द्वारा दी जा रही थी. इसमें पार्षद की ही सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसीलिए माना जा रहा है कि यदि इस पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट सामने आती है तो कई पार्षदों को तगड़ा झटका लग सकता है। देहरादून नगर निगम आयुक्त गौरव कुमार ने सत्यापन के दौरान नहीं पाए जाने वाले 99 सफाई कर्मियों का वार्डवार नाम और आधार कार्ड देने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा इन सफाई कर्मियों की उपस्थिति प्रमाणित करने वाले सफाई निरीक्षक और सुपरवाइजर का भी नाम विस्तृत रिपोर्ट में लिखा जाएगा। सफाई कर्मियों को दिसंबर 2023 तक भुगतान की धनराशि का पूरा विवरण भी जांच अधिकारी को देना होगा। इसके अलावा धनराशि का भुगतान नगर निगम ने किसको किया था, इसका भी पूरा विवरण इस विस्तृत रिपोर्ट में दिया जाएगा।