उत्तराखंड के मित्र पुलिसकर्मियों को लगा बड़ा झटका! सुप्रीम कोर्ट ने लगाई एरियर की तीसरी किस्त पर रोक

Spread the love

उत्तराखंड में पुलिसकर्मियों को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। खबर है कि राज्य के करीब 15000 पुलिसकर्मियों को मिलने वाली एरियर की तीसरी किस्त पर रोक लगा दी गयी है। खास बात ये है कि इससे पहले पुलिसकर्मी इसी एरियर की दो किस्त ले चुके हैं। लिहाजा अब कई पुलिसकर्मियों को रिकवरी का भी डर सता रहा है।

बता दें कि छठें वेतनमान की सिफारिशों के तहत उच्चीकृत वेतन ग्रेड पे को लेकर राज्य के हजारों पुलिसकर्मियों को 2006 से एरियर दिए जाने का निर्णय लिया गया। जिसे राज्य सरकार की तरफ से तीन किस्तों में दिया जाना था। फिलहाल सरकार की तरफ से दो किस्त दी जा चुकी हैं। जबकि तीसरी किस्त दी जानी थी। इस मामले में नैनीताल हाई कोर्ट की तरफ से पुलिसकर्मियों को तीन किस्त में एरियर देने के आदेश दिए गए थे। लेकिन राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। राज्य सरकार के कर्मचारियों को एरियर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्टे लगा दिया है। बता दें पुलिस विभाग के करीब 15000 कर्मचारियों को इसका लाभ मिलना था। इसमें कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल और एएसआई स्तर के कर्मचारी शामिल हैं। वैसे इन कर्मचारियों को एरियर के रूप में कुल ₹700000000 का भार राज्य सरकार पर रहा है। इसी के चलते राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका लगाई थी। फिलहाल सरकार की तरफ से दो किस दी जा चुकी है इस तरह राज्य सरकार करीब 40 करोड़ से ज्यादा की धनराशि कर्मचारियों के खातों में डाल चुकी है। अब तीसरी किस्त के भुगतान से पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को राहत देते हुए इस पर स्टे लगा दिया है। बड़ी बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यदि इस मामले में सरकार के पक्ष में फैसला जाता है तो अब तक दिए गए एरियर की रिकवरी भी पुलिसकर्मियों से की जा सकती है। हालांकि अभी ऐसी कोई स्थिति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से महज तीसरी किस्त देने पर स्टे लगाया गया है।

बता दें राज्य में पुलिस विभाग के सिपाहियों को 2008 में छठें वेतनमान का लाभ दिया गया जिसके बाद 2011 में कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल का ग्रेड पे बढ़ गया था। इस स्थिति के चलते रिवाइज ग्रेड पर के आधार पर 2006 से एरियर दिए जाने की मांग की गई थी। जिस पर नैनीताल हाईकोर्ट की तरफ से आदेश हुए थे। इस मामले में एडीजी कानून व्यवस्था डॉक्टर वी मुरुगेशन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तीसरी किस्त को लेकर स्टे लगने की पुष्टि की है।


Spread the love