ये शौक बड़ी चीज: साढ़े सात लाख रुपये खर्च कर शख्स ने खरीदा कार का नंबर

Spread the love

शौक बडी चीज है जनाब, और शौकीनों की कमी नहीं है, जितनी कीमत की लोग कार खरीदते हैं यहां शौकिन उतनी कीमत का सिर्फ अपनी कार के लिए रजिस्ट्रेशन नम्बर लेते हैं, नंबरों के शौकीन किस हद तक पैसा लूटा सकते हैं ये बेहद ही रोचक है, और नम्बरों के शौकीन ज्यादातर उधमि, चिकित्सक, शिक्षा विभाग के अधिकारी और नेता भी शामिल है, जिन्होने अपनी लग्जरी कारों के लिए लाखों रुपये वीआईपी नम्बर खरीदे हैं, और ऐसे ही शौकीनों के चलते परिवहन विभाग ने अपने राजस्व में कई गुन लाभ कमा लिया है, देखिये कितने में बिका कौन सा नम्बर। देहरादून संभाग ने वाहनों के नंबरों की नई सीरीज में वीआईपी नंबरों की नीलामी से 27.90 लाख रुपये कमाए हैं जबकि निर्धारित 5.55 लाख का लक्ष्य विभाग के पास था, यानी कई गुना पैसा परिवहन विभाग पर शौकिनों ने अपने शौक के लिए बरसाया। परिवहन विभाग ने यूके-07, एफएम-0001 नंबर को सबसे महंगे दामों पर बेचा, इस नंबर के लिए निर्धारित मूल्य एक लाख रुपये तय की गई थी, लेकिन नंबर के शौकिनों ने इसके लिए सबसे अधिक 7.39 लाख रुपये लगाकर खरीदा। नीलामी में 0002 नंबर की दो लाख 29 हजार रुपये, 0003 नंबर 25 हजार के सापेक्ष दो लाख छह हजार रुपये , 9999 नंबर को 25 हजार के सापेक्ष दो लाख दो हजार रुपये, 1111 नंबर 25 हजार का नंबर 1 लाख 87 हजार रुपये,7777 नंबर 1 लाख 22 हजार रुपये, 0009, 0004, 3333,0008, 5555 नंबरों की भी तय रकम से कई गुना अधिक में नीलामी हुई। उत्तराखंड में वाहनों के वीआईपी नंबरों का आकर्षण परिवहन विभाग को मालामाल बना रहा है। महंगे नंबरों को लेने वालों में उद्यमियों से लेकर चिकित्सक, नेता और शैक्षणिक संस्थाएं शामिल हैं। यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश चंद्र पोखरियाल भी वीआईपी नंबरों के शौकीन हैं। वीआईपी नंबरों की सूची में उनका नाम भी दर्ज है। उन्होंने 0777 नंबर नीलामी में प्राप्त किया है।


Spread the love