उत्तराखंड सरकार से ऊपर हैं ये डॉक्टर! शायद तभी तो चार्ज लेकर भूल गए अस्पताल में हाजिरी लगाना

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सरकार की ड्यूटी करने वाले न्यूरो सर्जन डॉक्टर अमित देवल ने सरकार के फरमान को ही ताक पर रख दिया है। हल्द्वानी एसटीएच में विवादों से घिरने के बाद डॉ. देवल का तबादला नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल में कर दिया गया थ। डॉ. देवल ने अस्पताल में चार्ज तो लिया, लेकिन फिर लौटकर मरीजों को मुंह नहीं दिखाया।

गौरतलब है कि बीती 20 जून को जनपद के बेतालघाट निवासी मोहित बिष्ट ने अपने यूट्यूब चैनल ‘लव माय यूके’ पर हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) का एक वीडियो अपलोड किया था। जिसमें मोहित ने न्यूरो सर्जन डॉ. अमित देवल पर उसके पिता के इलाज के दौरान दवा और इम्प्लांट बाहर से मंगवाने का आरोप लगाया था। डीएम वंदना ने सीएमओ डॉ. भागीरथी जोशी को मामले की जांच के आदेश दिये थे। स्वास्थ्य विभाग की जांच कमेटी ने पीड़ित मोहित, न्यूरो सर्जन डॉ. देवल और एसटीएच स्टाफ से मामले में पूछताछ की। कमेटी रिपोर्ट में मामला पूरी तरह सही पाया गया। इसके बाद रिपोर्ट को डीजी हैल्थ और डीएम को भेजा गया। बीती 21 सितंबर को डॉ. देवल के प्रकरण में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव महावीर सिंह चौहान ने आदेश जारी करते हुए सप्ताह में 3 दिन एसटीएच और 3 दिन बीडी पांडे अस्पताल में सेवा देने के आदेश दिये थे। आदेश के बाद डॉ. देवल ने बीडी पांडे में चार्ज तो लिया, लेकिन आदेशों को ठेंगा दिखाकर दोबार अस्पताल का मुंह नहीं देखा। एसटीएच में तीमारदार से दवा और इम्प्लांट बाहर से मंगाने के प्रकरण में फंसे डॉ. देवल के मामले में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग क्यों लापरवाह बना है ये बात किसी के भी गले से नीचे नहीं उतर रही है। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि प्रकरण के बाद बीती 1 अगस्त को स्वास्थ्य महानिदेशक (डीजी) ने डॉ. देवल को एसटीएच से हटाकर बीडी पांडे अस्पताल में तैनाती के आदेश दिये थे। इसके ठीक 51 दिन बाद चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव महावीर सिंह चौहान ने नया आदेश जारी कर डॉ. देवल को बेस अस्पताल से हटाकर नैनीताल बीडी पांडे में अटैच किया। साथ ही आदेश में 3 दिन एसटीएच और 3 दिन बीडी पांडे में सेवा देने को कहा था।

 


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