उत्तरकाशी टनल हादसा के वजहों की होगी जांच! सीएम धामी बोले- फंसे मजदूरों को संचार के अन्य साधन कराएंगे उपलब्ध

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उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी है। टनल के अंदर से और ऊपर से मशीनों के जरिए ड्रिल का कार्य किया जा रहा है। ताकि जल्द से जल्द सभी फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकाला जा सके। इसके अलावा सफलता पूर्वक 6 इंच व्यास का पाइप अंदर भेजा जा चुका है जिसके जरिए पका हुआ भोजन भी मजदूरों को दिया जा रहा है। दूसरी तरफ सीएम धामी ने टनल हादसे से जुड़ी वजहों की जांच करने की बात कही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि कई एजेंसियां, विशेषज्ञ, इंजीनियरों के साथ ही कई अधिकारी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। सभी की मेहनत से देर रात बड़ी सफलता मिली है। जिसके तहत 6 इंच व्यास का पाइप आरपार हो गया है। अभी तक सॉलिड फूड दिया जा रहा था। लेकिन अब लिक्विड बेस्ड फूड भी पाइप के जरिए मजदूरों के पास भेजा जा सकेगा। इसके साथ ही अन्य खाद्य सामग्री भी श्रमिकों को मिल सकेगी। ये एक बड़ी सफलता है। उन्होंने बताया कि मजदूरों को निकालने के लिए जो ऑप्शन हैं उसमें से जो भी सबसे पहले सफल होगा उससे मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रोजाना स्थिति की जानकारी ले रहे हैं। पीएम के स्तर से भी हर संभव सहायता के लिए कहा गया है। लिहाजा सभी एजेंसियां लगी हुई हैं. सभी लोग अपना बेस्ट से बेस्ट परफॉर्मेंस देने में लगे हुए हैं। सीएम धामी ने कहा कि टनल के अंदर कैमरा भेजकर लोगों को देखा गया है। लेकिन अब मजदूरों को वॉकी टॉकी या फिर अन्य संचार के साधन उपलब्ध कराने पर विचार हो रहा है। ताकि टनल की स्थिति का अपडेट लगातार मिलता रहे। वर्तमान में सभी लोग स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि टनल में नेचुरल भू-धंसाव हुआ या फिर लापरवाही के कारण भू-धंसाव हुआ है उसको जानने के लिए जांच होगी। लेकिन सरकार की पहली प्राथमिकता है कि फंसे हुए मजदूर सकुशल बाहर निकाले जाएं। अभी फिलहाल ऑगर मशीन से जो कार्य चल रहे हैं उसी को आगे बढ़ाने का काम चल रहा है। इसके अलावा टनल के ऊपर से भी ड्रिल की जा रही है। इसके अलावा अन्य जो भी विकल्प हैं उसको देखते हुए सतलाज, टीएचडीसी और एनएचआईडीसीएल समेत अन्य संस्थान मदद कर रहे हैं।


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