प्रदेश भर में कड़ी सुरक्षा में संपन्न हुई पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा

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आखिरकार यूकेपीएसी की ओर से आयोजित पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न हो गई है। इससे पहले 8 जनवरी को यह परीक्षा हुई थी लेकिन परीक्षा धांधली की भेंट चढ़ गई थी। जिसके चलते यह परीक्षा दोबारा आयोजित करवानी पड़ी। यह परीक्षा बेरोजगार संघ के विरोध के बीच आयोजित हुई। वहीं अभ्यर्थी परीक्षा में पूछे गए सवालों को लेकर संतुष्ट नजर आए। हालांकि उन्होंने आशा जताई है कि परीक्षा में इस बार कोई धांधली नहीं होगी।

उत्तराखंड में बेरोजगार संघ के भारी विरोध के बावजूद आज पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हो गई है। सभी सेंटरों में परीक्षाएं शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित हुई। इस दौरान परीक्षार्थियों को चेकिंग के बाद ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया गया। वहीं परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए परीक्षार्थियों को काफी परेशानी भी उठानी पड़ी। उन्हें केंद्रों तक पहुंचने के लिए बस में फ्री आने जाने की सुविधा नहीं मिली। लिहाजा उन्हें खुद के खर्चे पर गाड़ी बुक कर केंद्रों तक पहुंचना पड़ा। गौर हो कि बीती 8 जनवरी को पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी। जिसका पेपर लीक हो गया था। जिसके चलते यह परीक्षा दोबारा 12 फरवरी को आयोजित करानी पड़ी है। पटवारी पेपर लीक मामले में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अति गोपन अनुभाग 3 के अनुभाग अधिकारी संजीव प्रकाश चतुर्वेदी समेत कई लोग सलाखों के पीछे हैं। वहीं भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच और जांच के बाद ही परीक्षा आयोजित कराने की मांग को लेकर युवाओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। जिसे लेकर देहरादून में काफी बवाल भी हुआ। जिसमें पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। अभी भी बेरोजगार युवा धरने दे रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उत्तराखंड में पटवारी की परीक्षा संपन्न हो गई है

बता दें कि उत्तराखंड में पटवारी लेखपाल परीक्षा के लिए 498 केंद्र बनाए गए थे. देहरादून जिले में भी 72 केंद्रों पर यह परीक्षा आयोजित हुई। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखने के लिए चप्पे चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी। परीक्षा केंद्रों पर भी 600 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए थे। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी पुलिस लगातार नजर बनाए हुए थी। देहरादून जिले में धारा 144 लागू की गई और परीक्षा केंद्र से 100 मीटर की परिधि में किसी भी व्यक्ति का घूमना फिरना प्रतिबंधित रहा। वहीं परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों में उत्साह देखने को मिला। परीक्षा देने पहुंचीं अभ्यर्थी का कहना है कि यह एग्जाम दूसरी बार आयोजित हुआ है। ऐसे में उन्हें आशा है कि यह एग्जाम पूरी ट्रांसपेरेंसी के साथ हुआ। बेरोजगारों के आंदोलन में शामिल होने के कारण इस परीक्षा के लिए ज्यादातर अभ्यर्थी अपनी तैयारी नहीं कर पाए। अभ्यर्थी का कहना था कि इस बार उत्तराखंड के वर्तमान मुद्दों से जुड़े सवाल भी परीक्षा में शामिल किए गए थे। परीक्षा केंद्र में प्रवेश किए जाने से पहले सभी परीक्षार्थियों की चेकिंग भी की गई है और परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित हुई। हरिद्वार जिले में 52 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. जिनमें 14 हजार से अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। जबकि 20,600 अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरे थे। पटवारी भर्ती परीक्षा को सकुशल संपन्न कराना पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी जिम्मेदारी थी। परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी न हो, इसके लिए विशेष सतर्कता बरती गई थी। एक-एक अभ्यर्थी पर पैनी नजर रखी गई। एसएससी अजय सिंह ने बताया कि सभी परीक्षा केंद्रों से रिपोर्ट ले ली गई है। सभी जगह परीक्षा सकुशल संपन्न हुई है. अभ्यर्थी भी इस परीक्षा से प्रसन्न नजर आ रहे हैं। पौड़ी जिले में 40 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. जिनमें 20 परीक्षा केंद्र कोटद्वार में थे। हालांकि जितने अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरे थे, उससे काफी कम परीक्षा देने पहुंचे थे। श्रीनगर से पहुंची टीना रावत ने बताया कि पेपर सामान्य आया था। जिस अभ्यर्थी ने अच्छी तैयारी की होगी और अगर फिर धांधली की भेंट नहीं चढ़ा तो वो पटवारी/लेखपाल बनकर अपनी सेवाएं दे सकता है। वहीं जसपुर से आए अभिभावक जयपाल सिंह का कहना है कि राज्य में जिस तरह से पेपर लीक हो रहे हैं सरकार को सख्त कदम उठा कर छात्रों के भविष्य का ध्यान रखना चाहिए।


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