देहरादून में बिना जीपीएस लगे यात्री वाहनों की घंटाघर क्षेत्र में नो एंट्री! उल्लंघन करने पर परमिट होगा निरस्त

Spread the love

देहरादून का दिल कहे जाने वाले घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास हमेशा जाम की स्थिति देखने को मिलती है। ऐसे में परिवहन विभाग यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास सिर्फ जीपीएस लगे सार्वजनिक यात्री वाहन ही संचालित करने की कवायद में है। जिसके लिए यात्री वाहन संचालकों को 15 फरवरी तक समय दिया था। जिसकी समय सीमा आज पूरी हो रही है। ऐसे में जिन यात्री वाहनों में जीपीएस यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम नहीं लगा होगा। वो इस क्षेत्र में संचालन नहीं कर सकेगा। इस फ्रिज जोन में बिना जीपीएस वालों सार्वजनिक यात्री वाहनों के संचालन का आज अंतिम दिन है। अब 16 फरवरी से इस क्षेत्र में बिना जीपीएस लगे यात्री वाहन चलाने पर परिवहन विभाग चालान करेगा। इससे पहले सभी वाहन चालकों को जीपीएस लगाने के लिए 15 फरवरी तक की छूट दी गई थी, जो आज समाप्त हो जाएगी।

बता दें कि गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में बीती 23 दिसंबर 2023 को बैठक हुई थी। जिसमें कई निर्णय लिए गए थे। इन निर्णयों पर 11 जनवरी को राज्य सरकार की स्वीकृति मिल गई थी। जिसके बाद 12 जनवरी को परिवहन विभाग की ओर से इसे लेकर आदेश जारी कर दिए गए. इसके बाद अब जीपीएस की अनिवार्यता लागू की जा रही है। जिससे पता चलेगा कि कोई यात्री वाहन एक दिन में घंटाघर और आसपास के क्षेत्र में कितनी बार संचालित हो रहा है? इसकी पूरी जानकारी परिवहन विभाग के पास रहेगी। जीपीएस से परिवहन विभाग हर वाहन की निगरानी कर सकेगा।

वाहन का संचालन परमिट की शर्तों के अनुसार हो रहा है या नहीं। इतना ही नहीं एनआईसी के जरिए कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। साथ ही नियम का उल्लंघन करने पर पहली बार कंट्रोल रूम से वाहन चालक को चेतावनी दी जाएगी। दूसरी बार नियमों का उल्लंघन करने पर परमिट जब्त कर लिया जाएगा और आरटीए में सुनवाई की जाएगी। आखिरी और तीसरी बार नियम तोड़ा तो सीधे परमिट निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। वहीं आज वाहन चालकों को जीपीएस लगाने के लिए आखिरी दिन है और शुक्रवार से परिवहन विभाग की टीम चेकिंग कर देखेगी कि प्रतिबंधित क्षेत्र में संचालित कितने वाहनों में जीपीएस लगा है और कितने में नही? किस यात्री वाहनों में जीपीएस लगा है उनकी निगरानी 16 फरवरी से कंट्रोल रूम से निगरानी की जाएगी। इसके अलावा आरटीओ प्रवर्तन ने अलग-अलग टीमें बनाने के निर्देश दिए हैं। ऑटो विक्रम यूनियन लगातार जीपीएस को लेकर विरोध कर रही है। सबसे पहले आरटीओ बैठक में अपना विरोध जताया। इसके बाद सड़क पर उतरकर विरोध भी किया. इस मामले को विधायक उमेश कुमार ने विधानसभा में उठाया। इसके बाद भी कोई राहत नहीं मिलने पर ऑटो विक्रम यूनियन के सदस्यों ने परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी से मुलाकात की। मामले में सचिव की ओर से यूनियन के सदस्यों से जीपीएस लगाने के लिए कहा गया। इसके बाद यूनियन के सदस्य आरटीओ से जाकर मिले, लेकिन वहां से भी कोई रास्ता नहीं निकला। जिसके बाद ऑटो विक्रम यूनियन विरोध कर रही है। बरहाल, परिवहन विभाग की ओर से घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास के क्षेत्र में यात्री वाहनों पर जीपीएस लगाने की कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि यह व्यवस्था कितनी कारगर होती है और आम जनता को क्या जाम से छुटकारा मिल पाएगा?


Spread the love