बागेश्वर उपचुनाव में 118225 मतदाता फिर चुनेंगे अपना विधायक! आचार संहिता लागू

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आगामी 5 सितंबर को होने वाले बागेश्वर विधानसभा सीट के उप चुनाव में 118225 मतदाता अपना विधायक चुनेंगे। इनमें 60,045 पुरुष और 58,180 महिला मतदाता हैं। सर्विस मतदाताओं की संख्या 2207 है। जिनमें 57 महिला मतदाता हैं। विधानसभा क्षेत्र में 172 मतदान केंद्र 188 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी/ जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने पत्रकारवार्ता में बताया कि विधानसभा क्षेत्र को तीन जोन, 28 सेक्टर में बांटा गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जल्द ही कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मतदान केंद्रों में पानी, बिजली की व्यवस्था कर ली गई है। मतदान केंद्र वाले क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए पहले ही बजट आवंटन कर दिया गया है। जल्द मरम्मत करा ली जाएगी। अगले सप्ताह सेक्टर मजिस्ट्रेट बूथों का निरीक्षण करेंगे, जो भी कमियां होंगी, उन्हें दूर कराएंगे। डीएम ने बताया कि आपदा से प्रभावित क्षेत्र में सड़क और पैदल रास्ते दुरुस्त किए जाएंगे। इस बार चुनाव बसों का उपयोग न कर छोटे वाहनों का उपयोग किया जाएगा, ताकि सुगमता से मतदान कार्मिक मतदान केंद्रों तक पहुंच सकें। विधानसभा क्षेत्र की जिन सड़कों पर वाहन संचालन की अनुमति नहीं है, वहां वाहन संचालन के लिए एआरटीओ से अनुमति दिलाई जाएगी। चुनाव के लिए अतिरिक्त पुलिस फोर्स मांगी जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पूरे जिले में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू कर दी गई है। धारा 144 भी तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि आचार संहिता का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। इसके लिए टीमें सक्रिय कर दी गई हैं। पेड न्यूज पर भी नजर रखी जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराधा पाल ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र के नौ बूथ संचार विहीन हैं। इन बूथों में वायरलेस के माध्यम से संचार सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। संचार विहीन बूथों से सूचनाओं के आदान-प्रदान में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 10 अगस्त को निर्वाचन आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा। 10 से 17 अगस्त तक नामांकन होंगे। 18 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 21 अगस्त नाम वापसी की तिथि होगी। 5 सितंबर को मतदान होगा। 8 सितंबर को मतगणना की जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी पाल ने बताया कि आचार संहिता के दौरान नए विकास कार्य नहीं होंगे। जो कार्य शुरू हो गए हैं, उन पर किसी प्रकार की रोक नहीं रहेगी, वह कार्य होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कराए जाने वाले जरूरी कार्य चुनाव आयोग की अनुमति से किए जाएंगे। आपदाग्रस्त इलाकों के पुनर्निर्माण के कार्य नहीं रुकेंगे।

 


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