आतंक का पर्याय बना गुलदार पिंजरे में कैद

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विकासनगर के शंकरपुर में आतंक का पर्याय बना गुलदार आखिरकार पिंजरे में कैद हो गया। सहसपुर के शंकरपुर स्थित राम खाली के पास वन विभाग ने पिंजरा लगाया था, जिसमें बृहस्पतिवार सुबह गुलदार कैद हो गया। गुलदार को पिंजरे में कैद देख लोगों ने राहत की सांस ली। शंकरपुर में गुलदार के आतंक ने शिकारियों को चौंका दिया था। शिकारियों का कहना है कि महमूदनगर बस्ती में चार साल के मासूम को मारने से पहले गुलदार ने तीन महीने पहले भी उस पर हमले की कोशिश की थी। इसके बाद घर में खेल रहे पांच बच्चों के बीच से गुलदार ने उसी को अपना शिकार बनाया। उनका दावा है कि एक शिकार पर दो बार हमला करने की एकमात्र घटना जिम कार्बेट की किताब में दर्ज है। इसके अलावा ऐसा कोई दूसरा मामला नहीं आया है। शिकारियों का कहना है कि पिछले नौ महीने से यह क्षेत्र में आतंक का पर्याय बना हुआ था। हिमाचल प्रदेश के सोलन के रहने वाले आशीष दास गुप्ता के नेतृत्व वाली शिकारियों की टीम में मुरादाबाद के राजीव सोलोमन, मेरठ के सैयद अली बिन हादी शामिल हैं। शिकारियों का यह दल आक्रामक जानवरों के मामले में 75 सफल ऑपरेशन को अंजाम दे चुका है। वर्ष 2006 से लेकर अभी तक छह गुलदार और एक टाइगर का शिकार किया है। दो गुलदार और एक टाइगर को यह टीम ट्रैंकुलाइज कर चुकी है।

 


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