पहाड़ों की पीड़ा! सड़क न होने से बारिश के बीच गर्भवती महिला को कुर्सी में बैठाकर अस्पताल के लिए निकले ग्रामीण, अस्पताल पहुंचने से पहले ही गर्भवती ने दिया बच्चें को जन्म और फिर…..

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चुनाव के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में विकास के दावों और वादों का ढिंढोरा पीटने वाले नेता चुनाव खत्म होते ही अपने वादों और दावों दोनों से मुंह फेर लेते हैं, और उनके झूठे वादों पर ग्रामीण क्षेत्र के विकास की उम्मीद लगाए बैठे रहते हैं।
इसका ताजा उदाहरण हल्द्वानी अल्मोड़ा हाइवे में स्थित भुजियाघाट के ग्राम सभा बलूटी के तोक मोरा का हैं, जहां सड़क के आभाव में ग्रामीण दर्द से कराहती प्रसव पीड़िता को कुर्सी में 5 किमी की पैदल दूरी तय करके मुख्य मार्ग तक ला रहे थे, जहां गर्भवती ने मुख्य सड़क तक पहुंचने से पहले ही रास्ते में बच्चें को जन्म दे दिया।
दरअसल भुजियाघाट के ग्राम सभा बलूटी के तोक मोरा में रहने वाली एक गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी, इस बीच मूसलाधार बारिश होने लगी, जिसके बाद ग्रामीणों ने एंबुलेंस को कॉल किया लेकिन गांव में सड़क न होने से ग्रामीण फिसलन भरे रास्ते पर गर्भवती को कुर्सी पर बैठाकर अस्पताल ले जाने के लिए मुख्य मार्ग तक लाने लगे, लेकिन महिला ने मुख्य मार्ग में पहुंचने से पहले ही बच्चे को जन्म दे दिया। जिसके बाद पहुंची 108 के माध्यम से जच्चा और बच्चा दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों ही स्वस्थ हैं।
ग्रामीणों ने बताया की भुजियाघाट मुख्य मार्ग से ग्राम सभा बलूटी का तोक मोरा 5 किमी दूर है। जहां न तो कोई सड़क मार्ग हैं न ही कोई अस्पताल ऐसे में किसी भी आपात स्थिति में ग्रामीणों को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। कहा की राज्य निर्माण से अब तक कई नेता बदले और कई सरकारे भी बदली, लेकिन सिर्फ नहीं बदले तो गांव के हालात और यहां की विकट परिस्थितियां। जिसपर ग्रामीणों ने सरकार से क्षेत्र में सड़क का निर्माण और एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग की हैं,जिससे आपात की स्थिति में ग्रामीणों को दिक्कत न हो।


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