उद्यान घोटाले में निदेशक एचएस बवेजा पर कसा सीबीआई जांच का शिकंजा! मंत्रालय पर उठे सवाल

Spread the love

उत्तराखंड। उद्यान घोटाले में निदेशक एचएस बवेजा पर सीबीआई जांच का शिकंजा कसने के बाद सवाल उद्यान मंत्रालय पर भी उठ रहे हैं। बवेजा को उद्यान निदेशक बनाने के लिए फरवरी 2021 में उत्तराखंड लाया गया था। उस वक्त त्रिवेंद्र सरकार में उद्यान एवं कृषि मंत्री का जिम्मा मौजूदा सरकार के वन मंत्री सुबोध उनियाल संभाल रहे थे। उनियाल का कहना है कि बवेजा की नियुक्ति को लेकर मंत्रालय या विभाग का कोई लेना-देना नहीं है। चयन की जिम्मेदारी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति पर थी। समिति को देखना चाहिए था कि उस पर आरोप हैं या नहीं। उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने भी इस मामले से साफ-साफ हाथ झाड़ लिए हैं।

उनका कहना है कि यह मामला उनके कार्यकाल का नहीं है। जब उनके संज्ञान में प्रकरण आया तो उन्होंने जांच बैठा दी। बवेजा ने नियुक्ति के समय यह तथ्य छुपाया कि उनके खिलाफ पहले से जांच चल रही है। उधर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी इस मामले में तंज करने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं। यह जिम्मेदारी हमेशा कैबिनेट या मंत्री या फिर मुख्यमंत्री की होती है। अब गणेश जोशी का कहना है कि बवेजा ने इस तथ्य को छुपाया की हिमाचल में भी उसके खिलाफ जांच चल रही थी। उसने जब अपने दस्तावेज यहां जमा किए उसने इसका उल्लेख नहीं किया। जब मेरे संज्ञान में मामला आया तो मैंने जांच बैठा दी। एसआईटी भी बनाई। सीबीआई जांच कर रही है। दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। वहीं पूर्व उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि साक्षात्कार में दस्तावेजों की जांच होती है। इसके बाद ही निदेशक को विभाग में भेजा गया। समिति का यह देखना चाहिए था कि उन पर आरोप है या नहीं हैं। इसमें विभाग का या विभागीय मंत्री का कोई लेना-देना नहीं है। इधर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि चीफ सेक्रेट्री कभी जिम्मेदार नहीं होता। जिम्मेदार हमेशा कैबिनेट होती है मंत्री होता या मुख्यमंत्री होता है। इन तीनों को ही जिम्मा लेना पड़ेगा।

 


Spread the love