उत्तराखंड में कांग्रेस के बड़ा झटका! प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने दिया इस्तीफा, हाईकमान को सुनाई जमकर खरीखोटी

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उत्तराखंड में कांग्रेस संभल नहीं पा रही है, लगातार नेता इस्तीफा दे रहे हैं। कुमाऊं मंडल से आने वाले दीपक बल्यूटिया ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफा देने के बाद अपना इस्तीफा देने का कारण भी बयां किया है।

उत्तराखंड में कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के भतीजे और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। दीपक बल्यूटिया कांग्रेस के कुमाऊं मंडल से बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं। दीपक बल्यूटिया के इस्तीफा देने के बाद से कांग्रेस में खलबली मची हुई है। बताया जा रहा है कि टिकट न मिलने से दीपक बल्यूटिया ने इस्तीफा दिया है। शनिवार देर रात कांग्रेस हाईकमान ने नैनीताल सीट से प्रकाश जोशी के नाम की घोषणा की। इसके बाद दीपक बल्यूटिया ने कांग्रेस हाईकमान पर नाराजगी जाहिर करते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी है। इस्तीफा देते हुए दीपक ने कहा कि वे पिछले 35 सालों से कांग्रेस पार्टी के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं। यहां तक की उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व स्वर्गीय मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के परिवार से हैं और उनके संघर्ष को आज भी वह आगे बढ़ा रहे हैं। लेकिन पार्टी पिछले कई सालों से उनके साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का एक वफादार सिपाही होने के नाते 35 वर्षों से लगातार जन सेवा के साथ-साथ जन मुद्दों को उठाते आए हैं। दीपक बल्यूटिया ने कहा कि उत्तराखंड के विकास पुरुष के नाम से जाने जाने वाले नारायण दत्त तिवारी के आदर्शों में चलकर उनके विकास के साथ-साथ उनकी विरासत को आगे ले जाकर समाज की सेवा करना चाहता हूं। लेकिन कांग्रेस में एक ऐसे विद्यार्थी की तरह महसूस करता हूं, जिसने बहुत मेहनत की लेकिन उसे कभी भी परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया. प्रतिभा का प्रदर्शन का मौका नहीं दिया गया। दीपक बल्यूटिया ने कहा कि उन साथियों के लिए बहुत पीड़ा है, जो मेरे साथ निस्वार्थ भाव से जुड़े हैं और मेरे साथ मिलकर संघर्ष करते आए हैं। कांग्रेस पार्टी द्वारा अवसर देने की बजाय हर समय अनदेखी की गई। जब कोई भी पार्टी का जमीनी कार्यकर्ता जमीन पर पार्टी के लिए काम करता हो और पार्टी के शीर्ष नेता आपके किए संघर्ष और कार्य को सम्मान करने की बजाय आपको नजरअंदाज करें तो बहुत पीड़ा होती है। पार्टी में तमाम गतिरोध और मनोबल गिराने के चलते उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दिया है। उन्होंने बताया कि इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को भेजा है।


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