उत्तराखंड हाईकोर्ट पहुंचा अवैध खनन का मामला! शिकायतों पर मांगी रिपोर्ट

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उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पिथौरागढ़ जिले के कानड़ी गांव में खनन सामग्री के परिवहन के लिए अवैध रूप से सड़क निर्माण करने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने याचिका का दायरा बढ़ाते हुए कहा है कि प्रदेश में जहां-जहां अवैध खनन हो रहा है, उसकी शिकायतों पर सरकार ने क्या कदम उठाए है, इस पर छह सप्ताह के भीतर एक विस्तृत जवाब पेश किया जाए।

मामले की अगली सुनवाई को 22 मई की तिथि नियत की है। पिथौरागढ़ के कानड़ी गांव निवासी नीमा वल्दिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके गांव में नदी के किनारे सरकार ने खनन के लिए 2022 में पट्टा लीज पर दिया था। शुरुआत में पट्टाधारक ने मजदूर लगाकर खनन कार्य किया, बाद में खनन सामग्री को लाने व ले जाने के लिए उसने बिना अनुमति के सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया। सड़क निर्माण के दौरान सौ से अधिक खैर व साल के पेड़ काट दिए। पेड़ काटने का जब ग्राम वासियों ने इसका विरोध किया तो कुछ समय के लिए तो उसने सड़क निर्माण का कार्य बंद कर दिया, फिर विरोध शांत होने के बाद फिर से सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया। जिला प्रशासन ने भी शिकायत पर कोई निर्णय नहीं लिया। अंत में मामला हाई कोर्ट पहुंच गया। याचिका डाली गई और कोर्ट से अवैध रूप से बन रही सड़क निर्माण कार्य पर रोक लगाने की प्रार्थना की गई है। अब इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है।


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