उत्तराखंड ने रचा इतिहास! विधानसभा में ध्वनिमत से पास हुआ यूसीसी बिल

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उत्तराखण्ड की विधानसभा में कई घण्टे तक चली तक़रीर के बाद बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया। बिल पारित होते ही सदन जय श्री राम ,वंदे मातरम और भारतमाता की जय के नारों से गूंज उठा। सीएम धामी ने मंगलवार को विधानसभा के पटल पर समान नागरिक संहिता बिल पेश किया था। बुधवार की सांय सदन में विधेयक पारित होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने ढोल नगाड़े व आतिशबाजी व मिठाई बांट कर खुशी जताई। उत्तराखण्ड यूसीसी विधेयक बनाने वाला पहला राज्य बन गया। विधेयक पारित होते ही सदन में सीएम धामी को खूब बधाई मिली।

दिन भर चली चर्चा के दौरान बुधवार की सांय 5 बजे यूसीसी विधेयक पर अपनी बात कही। मेहरून कलर की पहाड़ी टोपी लगाए सीएम ने सदन में हुई सार्थक चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक पूरे देश को राह दिखायेगा। समान अधिकारों की रक्षा करेगी। सामाजिक ढांचे को मजबूत बनाएगा। सीएम धामी ने अपने वक्तव्य में विधेयक के मुख्य बिंदु भी विस्तार से सदन के सम्मुख पेश किए। उन्होंने कहा कि यूसीसी कानून में जरूरी संशोधन भी किये जाएंगे। सीएम ने आंदोलन के शहीदों को याद करते हुए कहा कि जो संकल्प लिया था वो आज पूरा हुआ। यह ऐतिहासिक पल देवभूमि को मिला। और एक इतिहास रचा। इसके लिए जनता बधाई की हकदार है। सभी के सहयोग से समरस व आदर्श समाज का निर्माण किया जाएगा। कई लोगों की जिंदगी में बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि विश्व के कई देशों में समान नागरिक संहिता लागू है। सीएम ने कहा कि ब्रिटिश शासन ने समान कानून नहीं बनाया। समाज को बांटा, छिन्न भिन्न किया। आजादी के बाद संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में यूसीसी के निर्माण को जगह दी गयी। सीएम धामी ने दल विशेष का उल्लेख न करते हुए कहा कि आजादी के बाद अंबेडकर के सिद्धांतों पर काम न होकर तुष्टिकरण की नीति बनाई। उन्होंने कहा कि 2022 को कहा था कि नई सरकार का गठन होते ही समान नागरिक संहिता बनाएंगे। पांच सदस्यीय ड्राफ्ट कमेटी बनाई। जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने मांणा गांव से संवाद शुरू किया।

सीएम ने कहा कि असमानता की खाई को दूर किया जाएगा। यूसीसी सभी को बराबरी का अधिकार देगा महिला वर्ग के साथ हुए भेदभाव को दूर किया जाएगा। एक घण्टे से अधिक अवधि के सम्बोधन में सीएम ने पीएम मोदी के विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज रामयुग की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट्स कमेटी ने 43 जनसंवाद के कार्यक्रम हुए। समिति 32 लाख 32 हजार 961 सुझाव मील। 10 प्रतिशत परिवारों ने अपने सुझाव दिए। कमेटी ने 2 फरवरी 2024 को सरकार को रिपोर्ट सौंपी। सीएम के सदन में वक्तव्य के बाद विधेयक को बहुमत से पारित किया गया। इससे पूर्व, बुधवार की सुबह 11 बजे से सांय तक सदन में पक्ष-विपक्ष के कई विधायकों ने गम्भीर तर्क पेश किए। कई विधायकों की शेरो-शायरी से सदन का माहौल हल्का भी हुआ। बुधवार को विस कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने यूसीसी विधेयक की कमियां गिनाई। प्रीतम सिंह, बेहड़, भुवन कापड़ी समेत कई विधायकों ने यूसीसी विधेयक को संविधान की कई धाराओं के उल्लंघन बताया। और कहा कि विधेयक में कुछ भी नया है।

 

 


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