उत्तराखण्डः मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना को कैबिनेट की स्वीकृति! मोटर मार्गों से जुड़ेंगे गांव, ग्रामीणों की समस्याओं का होगा समाधान

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देहरादून/रुद्रपुर। राजधानी देहरादून में सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। इन प्रस्तावों में से एक ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी मिली है जिसने हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। और यह प्रस्ताव 250 से कम आबादी वाले 3,177 गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना है, जिसे मंजूरी मिल गयी है।

इस प्रस्ताव के पास होने के बाद प्रदेशभर में सकारात्मक माहौल देखने को मिल रहा है। बता दें कि पहाड़ों पर कई ऐसे गांव हैं, जहां सड़क न होने के चलते ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, बीमारों को अस्पताल पहुंचाने के लिए यहां लोगों को कई किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है।

इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए ‘आवाज इंडिया के समूह संपादक सुनील मेहता’ ने कुछ समय पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर एक पत्र सौंपा था। जिसमें पांच महत्वपूर्ण बिन्दुओं को रखा गया था। इन्ही मुद्दों में सबसे पहला मुद्दा गांव-गांव तक सड़क पहुंचाने का था। इस पत्र का संज्ञान लेते हुए सीएम कार्यालय ने आवाज इंडिया के समूह संपादक सुनील मेहता को संदेश भेजकर आश्वासन दिया था कि उनके सुझावों को अमल में लाया जायेगा।

मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए सीएम कार्यालय ने दिनांक 06 मार्च 2023 को प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग, सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य/विद्यालयी शिक्षा/चिकित्सा शिक्षा/पर्यटन/धर्मस्व विभाग, उत्तराखण्ड शासन को पत्र प्रेषित किया था और समस्याओं के निस्तारण हेतु आवश्यक कार्यवाही की बात कही गयी थी।

इसके बाद भी लगातार पीडब्ल्यूडी विभाग, मुख्यमंत्री कार्यालय और सुनील मेहता के बीच वार्तालाप होती रही। आज जब 3,177 गांवों में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना को मंजूरी मिली तो आवाज इंडिया के समूह संपादक सुनील मेहता ने उनके सुझावों पर अमल करने और गांव-गांव सड़क योजना को मंजूरी देने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है।

ये प्रमुख पांच सुझाव थे पत्र में
आवाज इंडिया के समूह संपादक सुनील मेहता ने कुछ समय पहले राजधानी देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने सीएम धामी को एक पत्र दिया था, जिसमें उत्तराखण्ड का भविष्य निर्धारित करने वाले पांच प्रमुख सुझाव दिए गए थे।
पहला सुझावः- उत्तराखण्ड के प्रत्येक गांव में सड़क पहुंचाना जरूरी है।
दूसराः- उत्तराखण्ड के प्रत्येक गांव में प्राथमिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना जरूरी है।
तीसराः- नैतिक शिक्षा के साथ कानून, अपराध और सजा की शिक्षा का विषय भी जरूरी है।
चौथाः- उत्तराखण्ड के पहाड़ी सीमावर्ती क्षेत्रों में भी रोजगार सृजित किया जा सकता है।
पांचवाः- चार धाम से संबंधित पर्यटन और रोजगार सृजित किए जा सकते हैं।
इसमें से पहले सुझाव पर धामी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इस योजना को स्वीकृति मिलने के बाद आवाज इंडिया के समूह संपादक सुनील मेहता ने कहा कि अभी चार और प्रमुख मुद्दें हैं जिनपर काम जरूरी है। ऐसे में वह बहुत जल्द सीएम धामी से मुलाकात कर फिर से इन मुद्दों की तरफ उनका ध्यान आकर्षित करायेंगे।

गांव-गांव तक सड़क पहुंचाने वाले पहले सीएम बनेंगे धामी!
सोमवार को कैबिनेट की बैठक में 250 से कम आबादी वाले 3177 गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना को मंजूरी दे दी गयी है। इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद हर प्रदेश के गांव-गांव तक सड़क पहुंचने की उम्मीदों को पंख लगे हैं। ऐसे में इस बात को भी नहीं नकारा जा सकता है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश के पहले ऐसे सीएम बनेंगे, जिनके कार्यकाल में इतने बड़े पैमानें पर गांवों तक सड़क योजना को स्वीकृति मिली है।

3177 गांवों को सीएम का तोहफा
सोमवार को राजधानी दून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के 3,177 गांवों में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत सड़कें बनाए जाने पर सहमति बनी। इसके तहत प्रदेश में संपर्क मार्ग विहीन 3,177 गांवों को मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत मोटर मार्गों से जोड़ा जाएगा। इन गांवों के मुख्य मार्गों से जुड़ने के बाद हजारों लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं योजना के तहत मोटर मार्गों के अलावा पैदल पुलिया, मोटरपुल, अश्वमार्ग, झूला पुल आदि का निर्माण भी किया जायेगा। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना में राज्य के ऐसे गांवों, तोक को भी शामिल किया गया है, जिनकी आबादी 250 या उससे कम है। बता दें कि आबादी कम होने के चलते कई गांव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना या लोक निर्माण विभाग की कार्ययोजना के मानकों को पूरा नहीं करते हैं, जिसके चलते इन गांवों में आजतक सड़क नहीं पहुंच पाई है। ऐसे में सीएम धामी ने योजना को मंजूरी देकर हजारों लोगों की आबादी को बड़ा तोहफा दिया है।

आज भी मुख्य मोटर मार्गों से नहीं जुड़ पाए हैं 2035 गांव
वर्तमान में प्रदेश के लगभग 2035 गांव ऐसे हैं जो मुख्य मोटर मार्गों से नहीं जुड़ पाए हैं। इसके अलावा 1142 गांव ऐसे हैं जो कच्ची सड़कों से जुड़े हैं। इस तरह से कुल 3177 बसावटों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए नई योजना में शामिल किया गया है। इस योजना से सीमांत के गांवों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। इससे जहां मरीज और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने में आसानी होगी वहीं गांवों में पर्यटन की सुविधाएं भी बढ़ेंगी। यही नहीं ग्रामीण अपनी फसलों आदि को आसानी से बाजार तक पहुंचा सकेंगे। यही नहीं सड़क निर्माण होने से कई सुविधाएं यहां तक पहुंच पायेंगी।


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