उत्तराखंड में निकायों के लिए यह चुनावी साल है। तारीख अभी तय नहीं हुई, लेकिन ओबीसी सर्वे से जुड़ी रिपोर्ट पर अंतिम मुहर लगते ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। पार्षदों का कार्यकाल दो दिसंबर तक है। इसके बाद प्रशासन रिसीवर के तौर पर जिम्मेदारी संभालेगा। लिहाजा, मौजूदा कार्यकाल के अंतिम वर्ष में लगातार सड़क शिलान्यास कार्यक्रम हो रहे हैं।
कोशिश सड़क और चुनावी नींव दोनों को मजबूत करने की है। इसलिए पिछले तीन माह में 23 जगहों पर सड़कों का शिलान्यास हो चुका है। अधिकांश आंतरिक मार्ग है। हर कार्यक्रम में आसपास छोटी सही चुनावी सभा भी जरूर होती है। लोक निर्माण विभाग और नगर निगम के बीच अक्सर सड़कों को लेकर विवाद की स्थिति पैदा होती है। मामला स्वामित्व से जुड़ा रहता है। लोनिवि के पास जहां इंजीनियरों की पूरी टीम है। मरम्मत का सालाना बजट भी है। वहीं, नगर निगम इस मामले में पिछड़ा नजर आता है। यही वजह है अक्सर सड़कों की खराब स्थिति को लेकर लोग प्रदर्शन करते दिखते हैं। वहीं, चुनावी साल में सड़क मरम्मत के काम में कुछ तेजी दिख रही है। इसलिए बजट स्वीकृति बाद शिलान्यास कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इन छोटे-छोटे आंतरिक मार्गों पर आठ करोड़ से अधिक का बजट खर्च होगा। कुछ जगहों पर बरसात की वजह से काम रुका भी, जो अब आगे बढ़ेगा। वहीं, अगले कुछ दिनों में कई अन्य जगहों पर सड़कों का काम शुरू होना है। टेंडर प्रक्रिया जारी है।