नैनीताल में दूर होगी पार्किंग समस्या! फिर लौटेगा क्वालिटी टूरिज्म का दौर

Spread the love

सरोवर नगरी में शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल की भूमि पर पार्किंग बनेगी तो फिर से क्वालिटी टूरिज्म का दौर लौटेगा। साथ ही पर्यटन सीजन में पार्किंग व जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी। मेट्रोपोल के 134 कब्जाधारकों को घर खाली करने का विधिसम्मत मौका दिया गया, फिर भी आवास खाली नहीं किए तो शनिवार सुबह से 10 बुलडोजर एकसाथ चले और सभी मकान जमींदोज कर दिए गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पर्यटन विकास के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए प्रशासन ने नौ घंटे अभियान चलाकर 1.8 एकड़ से अधिक भूमि खाली करवा ली। आरटीओ संदीप वर्मा ने बताया कि कब्जाधारकों का सामान को रात से ही रामपुर, कालाढूंगी, हल्द्वानी और नैनीताल के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचाया गया।

अतिक्रमण हटाने के दौरान दो मदरसे व एक मजार भी मिली। अतिक्रमण हटने से अंडा मार्केट से चीना बाबा चौराहे तक सड़क फोरलेन करने का रास्ता भी साफ हो गया। साथ ही नालों के किनारे बस्ती हटने से झील पर आए दिन बह रहे सीवर की समस्या का भी बहुत हद तक समाधान हो गया है। राज्य में धामी सरकार ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के लिए दस साल की सजा का प्रविधान किया है। सीएम ने अवैध कब्जेदारों से खुद कब्जा हटाने व ना हटाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। इसी क्रम में शनिवार को मेट्रोपोल शत्रु संपत्ति से अवैध कब्जे हटने के बाद सीएम के पार्किंग व पर्यटन विकास के ड्रीम प्रोजेक्ट को उड़ान भरने में आसानी होगी। जिला प्रशासन का दावा है कि शत्रु संपत्ति पर अवैध तरीके से काबिज व्यक्तियों ने अपने आवास अवैध रूप से बेच दिए थे या किराये में किसी अन्य को दिए थे। पूर्व के मूल अवैध कब्जेदार भी वर्तमान में इन आवासों पर निवासरत नहीं थे। जिस नाले के समीप अवैध कब्जे थे, उसका उद्गम स्थल सूखाताल व समापन बिंदु नैनीताल झील है। नैनीताल में हर साल पर्यटकों की आवक में बढ़ोतरी तथा नगरीकरण के कारण वाहनों का दबाव बढ़ रहा है। पर्यटकों वाहनों के लिए पर्याप्त पार्किंग स्थल नहीं हैं। डीएम वंदना सिंह के अनुसार मेट्रोपोल परिसर अतिक्रमण मुक्त होने से पार्किंग व यातायात समस्या का समाधान की राह खुल गई है। 2018 में भी मेट्रोपोल में मल्टीस्टोरी पार्किंग का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था जो शासन में विचाराधीन है।हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने देशभर में शत्रु संपत्तियों की नीलामी कर एक लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया था। मुख्यमंत्री धामी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार खुद इस संपत्ति के लिए बोली लगा सकती है।


Spread the love