उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के तहत अभी तक 3 लाख 52 हजार करोड़ रुपए का एमओयू साइन किया जा चुका है। जबकि उत्तराखंड सरकार ने इन्वेस्टर समिट के लिए ढाई लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव पर एमओयू साइन करने का लक्ष्य रखा था लेकिन करीब एक लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव पर एमओयू साइन हुए हैं।
खास बात ये है कि उत्तराखंड के सालाना बजट से करीब चार गुना ज्यादा धनराशि पर एमओयू साइन हुए हैं। ऐसे में अगर साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए का निवेश धरातल पर उतरता है तो इससे कहीं ना कहीं उत्तराखंड एक नई ऊंचाइयों को छूता नजर आएगा। हालांकि अभी तक 44,000 करोड़ रुपए की निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। जबकि उत्तराखंड सरकार को उम्मीद है कि करीब एक से सवा लाख करोड़ रुपए की ग्राउंडिंग आसानी से हो जाएगी। ऐसे में अगर एक से सवा लाख करोड़ रुपए की ग्राउंडिंग हो जाती है तो यह धनराशि भी उत्तराखंड के सालाना बजट का करीब डेढ़ गुना होगा। ऐसे में अगर उत्तराखंड में राज्य के बजट का करीब डेढ़ गुना भी निवेश होता है तो उसे राज्य में न सिर्फ बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होगा. बल्कि, राज्य की आर्थिकी काफी मजबूत होगी। दरअसल ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के शुभारंभ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश-विदेश से आए निवेशकों को जहां एक और मोदी गारंटी दी है तो वहीं समिट के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने निवेशकों के निवेश को सुरक्षित रहने का दावा किया है। यही वजह रहा कि नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद यानी समिट के पहले दिन 44000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव पर एमओयू हुए। वहीं दूसरे और आखिरी दिन भी इसी तरह करीब 50,000 करोड़ रुपए के एमओयू साइन किए गए। कुल मिलाकर अभी तक 3,52,000 करोड़ रुपए के एमओयू पर साइन हो चुके हैं। जिसमें से 44000 करोड़ रुपए की ग्राउंडिंग हो चुकी है। उत्तराखंड सरकार को इन्वेस्टर समिट से काफी उम्मीदें हैं। साथ ही सरकार इस बात पर भी जोर दे रही है कि जो लक्ष्य सरकार ने रखा है, उस लक्ष्य को तो पूरा किया जा सके। अगर उससे ज्यादा निवेश उत्तराखंड में आता है तो यह भविष्य के लिहाज से एक मील का पत्थर साबित होगी। जानकारों की मानें तो उत्तराखंड की आर्थिक विकास यात्रा शुरू हो चुकी है। क्योंकि राज्य गठन के बाद पहली बार एक साल में एक साथ 44 हजार करोड़ रुपए की ग्राउंडिंग हुई है. जो राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगी। हालांकि यह ग्राउंडिंग और ज्यादा बढ़ने की संभावना है जिससे राज्य की आर्थिकी बढ़ेगी और नए उद्योगों की राह खुलेगी।
उत्तराखंड राज्य के सालाना बजट की बात करें हर साल बजट बढ़ता रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए धामी सरकार ने 77,407 करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। साथ ही मानसून सत्र के दौरान 11,321 करोड़ रुपए की सप्लीमेंट्री बजट पेश किया गया। यानी वर्तमान वित्तीय वर्ष में 88,728 करोड़ रुपए का बजट रहा। जबकि अभी शीतकाल सत्र होना बाकी है। कुल मिलाकर वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट के आधे हिस्से के बराबर निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। जबकि भविष्य में बजट के करीब डेढ़ गुना निवेश ग्राउंडिंग होने की संभावना है। ऐसे में अगर सरकार के अनुमान के अनुसार ग्राउंडिंग होती है तो उत्तराखंड राज्य की तस्वीर आने वाले समय में कुछ और ही होगी।