चम्पावत जनपद में शुक्रवार रात से शुरु हुई वर्षा का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा। पर्वतीय व मैदानी इलाकों में बरसाती नाले उफान पर आ गए। टनकपुर में शारदा और बनबसा में हुड्डी नदी का जल स्तर बढ़ने से आस-पास के क्षेत्रों में भू-कटाव हो गया। बाटनागाड़ में मलवा हटाने के बाद करीब 40 घंटे बाद पूर्णागिरि मार्ग सुचारू हो पाया जबकि 10 ग्रामीण सड़कों पर भारी मात्रा में मलबा आने से वाहनों का संचालन ठप हो गया। टनकपुर-चम्पावत राष्ट्रीय राजमार्ग सहित सभी स्टेट हाईवे पर वाहनों की आवाजाही सुचारू रही। हाईवे पर कई जगह आंशिक मलवा गिरा लेकिन समय पर रोड साफ कर लिए जाने से जाम की नौबत नहीं आई। शुक्रवार की देर रात से जिले के पर्वतीय और मैदानी हिस्सों में समानांतर वर्षा शुरू हो गई जो शनिवार को भी जारी रही। हालांकि कई जगह सुबह तक बारिश का सिलसिला थम गया था लेकिन आसमान बादलों से ढका रहा। वहीं, बारिश के चलते टनकपुर में पीलीभीत चुंगी, विष्णुपुरी कॉलोनी, राजाराम चौराहा, बस स्टेशन में पानी भर गया। चम्पावत एवं लोहाघाट नगर में भी नालियां चोक होने से पानी सड़कों पर बहता रहा। टनकपुर-पूर्णागिरि मार्ग पर बाटनागाड़ में सुबह चार बजे मलवा और बोल्डरों के बहकर आने से सड़क बंद हो गई, जिससे पूर्णागिरि के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यात्री अपने वाहन खड़े कर पैदल ही नाला पार कर पूर्णागिरि की ओर रवाना हुए। अपराह्न एक बजे के बाद मलवा हटने पर पूर्णागिरि मार्ग करीब 40 घंटे बाद सुचारू हो पाया। लोनिवि की जेई तनुजा देव ने बताया कि दोपहर एक बजे बाटनागाड़ में मलवा हटाकर आवागमन सुचारू कर दिया गया। इधर मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए प्रशासन ने ककरालीगेट से पूर्णागिरि मार्ग में आवाजाही रात के लिए रोक दी गई है। इधर, चम्पावत में पटनगांव-कजीना-पुनौली, मंच-कारी, लफड़ा-सियूली-बूड़ाखेत, धौन-सल्ली, धौन-द्यूरी-बजौन, सिप्टी-अमकडिय़ा, खटोली मल्ली-वैला, स्याला-पोथ, अमोड़ी- छतकोट, जैगांव-जैतोली सड़क मार्ग मलबा आने से बंद चल रहे हैं। सड़कों को खोलने का कार्य जारी है।