दिल्ली में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी से मिले गणेश जोशी! कई मुद्दों पर हुई चर्चा

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उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी दिल्ली दौरे पर रहे। इस दौरान दिल्ली में गणेश जोशी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की है। मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात के दौरान देहरादून-किमाड़ी मोटर मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर चर्चा की। उन्होंने देहरादून की किमाड़ी मोटर मार्ग की विशेषता बताते हुए केंद्रीय मंत्री को बताया कि पहाड़ों की रानी मसूरी में पूरे साल पर्यटकों का तांता लगा रहता है और वैकल्पिक मार्ग के रूप में यह बेहद महत्वपूर्ण मार्ग है और इसका निर्माण बेहद जरूरी है। यही नहीं यह मार्ग यात्रा सीजन के दौरान गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। मंत्री जोशी ने केंद्रीय मंत्री गडकरी को बताया कि इस मार्ग के बनने से यातायात की व्यवस्था सुचारू हो पाएगी और सीजन के दौरान लगने वाले जाम से निजात मिल पाएगी। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने जल्द इस पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। वहीं इस मौके पर मसूरी कैंपटी मार्ग पर प्रस्तावित टनल के शिलान्यास को लेकर के भी केंद्रीय मंत्री को गणेश जोशी ने आमंत्रण दिया।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात करने के बाद कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भेंट की और उन्हें उत्तराखंड में बन रहे पांचवें धाम के रूप में सैनिक धाम के निर्माण को लेकर वस्तुस्थिति की जानकारी दी। इस दौरान उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को बताया कि उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में भव्य सैनिक धाम का निर्माण किया जा रहा है जिसकी तैयारियां अपने आखिरी चरण में है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में बन रहे इस सैनिक धाम का निर्माण पीएम नरेंद्र मोदी की परिकल्पनाओं के अनुसार किया जा रहा है। गणेश जोशी ने कहा कि जहां एक तरफ सैनिक धाम आने वाली भावी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा केंद्र होगा तो वहीं दूसरी तरफ पर्यटन के हिसाब से भी एक नए डेस्टिनेशन के रूप में सामने आएगा.इस मौके पर उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उत्तराखंड में इको टास्क फोर्स की चार नई बटालियन के स्थापना की भी अपील की और उन्होंने इको टास्क फोर्स की आवश्यकताओं को बताते हुए कहा कि उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में चार लाख से ज्यादा अखरोट के पौधों का रोपण की प्रक्रिया पूरी की गई है और आगे भी लगातार जारी रहेगा जिसके लिए इको टास्क फोर्स बेहद जरूरी है।


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