पीड़ित कहां जाए! दो थानों की सीमाओं के बीच तीन किमी का हिस्सा किसका? बड़ा सवाल

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किसी क्षेत्र की सड़क पर हादसा हो या फिर कोई लूट,हत्या सहित अन्य आपराधिक वारदात। मामलों में संबंधित क्षेत्र के अधीन आने वाले थाने की पुलिस कार्रवाई करती है। अगर वह सड़क ही किसी भी थाना क्षेत्र की सीमा में नहीं आ रही हो तो फिर कार्रवाई कौन करेगा? जी हां ये सवाल पथरी पुल के पास से धनौरी जाने वाले नहर पटरी मार्ग से गुजरने वाले हर राहगीर के मन में उठते हैं। क्योंकि, इस मार्ग पर कलियर थाना और रानीपुर कोतवाली ने अपनी-अपनी सीमा समाप्त होने के बोर्ड पहले ही लगा दिए हैं। इससे मार्ग का तीन किलोमीटर का हिस्सा किसका है, ये स्थिति आज तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। अब सवाल है कि अगर कोई अनहोनी या आपराधिक वारदात हुई तो कार्रवाई कौन से थाने की पुलिस करेगी?

महाकुंभ मेले से पहले राहगीरों की सुविधा के लिए धनौरी तिरछे पुल के पास से नहर पटरी पर पथरी पुल के पास तक मार्ग बनाते हुए पक्की सड़क का निर्माण किया गया था। फिर पथरी रपटे के पास से होते हुए ये रास्ता सुमननगर होकर सलेमपुर पथरी पावर हाउस के पास निकलता है। वर्तमान में बड़े वाहनों से लेकर छोटे वाहन यहां से रोजाना गुजरते हैं। पथरी पुल के पास मार्ग की शुरुआत होते ही रानीपुर कोतवाली ने सीमा समाप्त होने का बोर्ड लगा रखा है। इसके बाद तीन किलोमीटर दूर जाकर कलियर थाना सीमा शुरू होने का बोर्ड लगा है। ऐसे में अगर कोई दुर्घटना या आपराधिक घटना होती है तो पीड़ित किस थाने पहुंचेगा। यह बड़ा सवाल है। पथरी पुल से मेन रोड वाले मार्ग पर दौलतपुर तक बहादराबाद थाने की सीमा लगती है। इसके बाद आगे से कलियर थाने की सीमा शुरू हो जाती है। दोनों थानों की सीमा के बोर्ड भी उसी हिसाब से लगे हुए हैं। सीमा के अनुरूप ही कोई हादसा या घटना होने पर संबंधित थाने की पुलिस मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करती है।

 


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