उत्तराखंड निकाय चुनाव की वोटर लिस्ट जारी! पुरुष को बना दिया श्रीमती तो किसी का सूची से नाम ही गायब

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नगर निगम चुनाव के लिए मतदाता सूची जारी कर दी गई है। इस बार एक लाख से ज्यादा नए वोटरों के नाम जोड़े गए हैं। इसमें संभावित त्रुटियों के लिए जिला पंचस्थानी निर्वाचन कार्यालय ने एक सप्ताह के भीतर आपत्ति मांगी है। लोग बड़ी संख्या में अपनी आपत्ति दर्ज करा रहे हैं क्योंकि मतदाता सूची में तमाम गलतियां सामने आ रही हैं। किसी पुरुष को श्रीमती बना दिया गया तो किसी का नाम ही गायब है। 

वार्ड-70 में शत्रुघ्न गुप्ता के परिवार में सात सदस्य वोटर हैं। इनमें से मात्र तीन सदस्यों के नाम वोटर लिस्ट में हैं। जबकि, अन्य चार लोगों के नाम सूची में ही नहीं हैं। इसके चलते परिवार के चार वोट कम हो गए। नगर निगम में मतदाता सूची का अवलोकन करने पहुंचे निवर्तमान पार्षद सुशील गुप्ता ने इस संबंध में आपत्ति दर्ज कराई है। इसी प्रकार लक्खीबाग निवासी हरीमोहन ढींगरा का वोट नहीं है। दूसरा बड़ा मामला है मतदाता सूची में गलती का। धोरणखास वार्ड-5 के निवर्तमान पार्षद चुन्नीलाल के नाम में छेड़छाड़ कर दी गई। बताया जाता है कि नई वोटर लिस्ट में उनके नाम के आगे श्रीमती लगा दिया गया है। इसे लेकर वह परेशान हैं। निवर्तमान पार्षद के साथ नई लिस्ट में ऐसी खामी बताती है कि किस स्तर तक मतदाता सूची में लापरवाही बरती गई है। इस संबंध में भी निगम में आपत्ति दर्ज कराई गई है। मतदाता सूची में स्थान का भी स्पष्ट जिक्र नहीं किया गया। पहले राजपुर रोड पर मतदाता सूची में मतदाताओं के पते में उनके पते की स्थिति साफ थी। जैसे- आरटीओ ऑफिस, फॉरेस्ट सहित अन्य लैंडमार्क दिखाए गए थे। इस बार जो वोटर लिस्ट आई है उसमें मात्र राजपुर रोड ही लिखा गया है। जबकि, राजपुर रोड घंटाघर से शुरू होकर काफी आगे तक है। चौथी बड़ी समस्या यह है कि इस बार बूथों को बदला गया है। बूथ का चयन करने में मतदाताओं की सहूलियत को नहीं देखा गया। जैसे खदरी मोहल्ला निवासी गगन सेठी, राजेश माठा आदि का पहले बूथ शिवाजी धर्मशाला था और व्यावहारिक तौर पर उनके नजदीक भी यही बूथ है। लेकिन, नई वोटर लिस्ट में उनका बूथ बदलकर जीजीआईसी में कर दिया, जो उनके घर से काफी दूर है। निकाय की मतदाता सूची जारी करने के दो दिनों के अंदर नाम, पते में गलती, बूथ में गलतियों की भरमार मिली है। हालांकि, अभी मतदाता सूची में संशोधन हो सकता है। गलतियों को सुधारा जा सकता है। इसी के लिए सात दिन का समय आपत्तियां दर्ज कराने का रखा गया है। पहले दो दिनों में जिस प्रकार से गलतियां सामने आ रही हैं। उससे साफ है कि मतदाता सूची में इन गलतियों से पार पाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।


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