दिसंबर में होंगे उत्तराखंड निकाय चुनाव? जानिए प्रवर समिति की पहली बैठक में क्या हुआ

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देहरादून। गैरसैंण में हुए मॉनसून सत्र के दौरान नगर-निगम अधिनियम संशोधन विधेयक को लेकर गठित की गई प्रवर समिति की पहली बैठक बुधवार को देहरादून विधानसभा में की गई। लेकिन बैठक से कुछ खास निकलकर सामने नहीं आया। बैठक तकरीबन एक घंटे तक चली। लेकfन कांग्रेस से दोनों सदस्य बैठक में मौजूद नहीं रहे। अब अगली बैठक 24 सितंबर को बुलाई गई है।

सरकार द्वारा नगर निगम विधेयक में आरक्षण समेत तमाम विषयों को लेकर संशोधित विधेयक को गैरसैंण के भराड़ीसैंण में हुए मॉनसून सत्र के दौरान प्रवर समिति को भेजा गया था। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने 9 सितंबर को प्रवर समिति का गठन किया था और एक माह के भीतर यानी 8 अक्टूबर तक रिपोर्ट सौंपने की बात कही थी। इस प्रवर समिति में संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को सभापति नियुक्त करते हुए सदन के ही 6 सदस्यों को प्रवर समिति का सदस्य नामित किया था। प्रवर समिति में भाजपा सदस्यों के तौर पर विधायक खजान दास, विनोद चमोली और मुन्ना सिंह चौहान को रखा गया। जबकि कांग्रेस से ममता राकेश और हरीश धामी को समिति में रखा गया है। एक सदस्य अन्य दल से यानी बीएसपी से शहजाद अली को इस समिति में रखा गया है। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि जो क्वेरी सदस्यों द्वारा दर्ज कराई गई हैं, उन पर अब अगली बैठक में चर्चा होगी बैठक में अभी शुरुआती चर्चाएं हुई हैं। किसी खास निर्णय पर अभी नहीं कहा जा सकता है. समिति के सभापति अग्रवाल ने बताया कि कांग्रेस सदस्यों द्वारा पहले ही अपनी अनुपस्थिति की सूचना दे दी गई थी। समिति की अगली बैठक 24 सितंबर को रखी गई है। उनके पास अभी 8 अक्टूबर तक का समय है जो कि पर्याप्त है।

बैठक में मौजूद रहे प्रवर समिति के सदस्य बीएसपी विधायक शहजाद अली ने कहा कि, बैठक में कुछ ज्यादा क्लियर नहीं है। कुछ रिपोर्ट मांगी गई हैं जो कि अगली बैठक में रखी जाएंगी। बात जहां तक नगर निगम विधेयक में संशोधन की है और समय से चुनाव करवाने की है तो उन्होंने कहा है कि सरकार की जैसी खुद की रणनीति होती है, वह उसी हिसाब से काम करती है. उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो कल चुनाव करवा दे। वैसे भी सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट गाइडलाइन है। लेकिन सरकारी हमेशा अपनी सुविधा के मुताबिक काम करती है। सरकार को यदि चुनाव टालने होंगे तो वह टाल कर रहेगी। हालांकि प्रवर समिति में जो जरूरी होगा उस विषय पर जरूर उनके द्वारा बात रखी जाएगी।


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