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नैनीताल ::- डॉ. रघुनन्दन सिंह टोलिया उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी, नैनीताल एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित “आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं पर्वतीय राज्यों के लिए क्षमता निर्माण“ विषयक दो दिवसीय कार्यशाला के द्वितीय दिवस में विभिन्न चर्चा सत्रों के माध्यम से विशिष्ट अतिथिवार्ताकारों, डॉ.शेखर पाठक, डॉ.पीयूष रौतेला, डॉ. पीसी तिवारी, प्रो.मनीष श्रीखण्डे, डॉ. आकाश सोंधी द्वारा आधुनिकतम् एवं व्यवहारिक ज्ञान व चुनौतियों के बारे में प्रकाश डाला गया। उत्तराखण्ड की विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए व्यवहारिक सुझाव साझा किये गये। कार्यशाला के द्वितीय सत्र में संस्थानों की क्षमता निर्माण वृद्धि तथा आवश्यकताओं के विषय पर अकादमी महानिदेशक बीपी पाण्डेय, विजय कुमार यादव, एके भट्टाचार्य, डॉ. पवन कुमार, डॉ. पीयूष रौतेला द्वारा आपदाओं के दृष्टिगत् विभिन्न स्तरों की क्षमता विकास की परिकल्पनाओं को साझा किया गया।
समानान्तर सत्र में ताज हसन, अधिशासी निदेशक, राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान की अध्यक्षता में महिलाओं की भागीदारिता को ध्यान में रखते हुए आपदा जोखिम न्यूनीकरण, जैण्डर व आपदा प्रबन्धन, जलवायु परिवर्तन विषयों पर चर्चा की गई, जिसमें प्रोफेसर संतोष कुमार, डॉ.मंजू ढौंडियाल, श्रीमती मीता उपाध्याय द्वारा विचारों को साझा किया। समस्त विशेषज्ञों द्वारा आपदा प्रबन्धन प्रणाली को ग्राम, विकास खण्ड, तहसील व स्थानीय स्तर पर क्षमता विकास अतिआवश्यक बताया गया।
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कार्यशाला के समापन सत्र में 15 सूत्रीय बिन्दुओं पर आधारित घोषणा पत्र भी प्रतिभागियों के मध्य प्रेषित किया गया व आवश्यकतानुसार परिवर्तन कर राष्ट्रीय कार्यशाला के उपरान्त उत्तरी भारत के लिए आपदा प्रबन्धन का एक सर्वाेच्च केन्द्र बनाने के लिए सहमति व्यक्त की गई। पर्वतीय राज्यों की संवेदनशीलता को देखते हुए आपदा प्रबन्धन के विभिन्न आयामों यथा- प्रदेश को आपदा रोधी, अवस्थापनाओं का सुदृढ़ीकरण, भूकम्प अवरोधी भवन निर्माण करना, आपदाओं के जोखिम को न्यून करने के लिए नीतियाँ एवं योजनाऐं विकसित करना, भू उपयोग एवं शहरी नियोजन ;न्तइंद च्संददपदहद्ध तथा खोज एवं बचाव दलों को अत्यधिक कौशलपूर्ण बनाने हेतु जोर दिया गया।
कार्यक्रम के समापन सत्र के दौरान अकादमी महानिदेशक, बीपी पाण्डे, अधिशासी निदेशक राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान, ताज हसन, अकादमी संयुक्त निदेशक प्रकाश चन्द्र, प्रो. संतोष कुमार, दिनेश राणा, वीके सिंह, पूनम पाठक, दीपा मेहरा रावत, डॉ. मंजू ढौंडियाल, डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. मंजू पाण्डे, मनोज पाण्डे, मीनू पाठक, रागिनी तिवारी आदि सहित लगभग 300 प्रतिभागी उपस्थित थे।