उत्तराखंड: खतरे की जद में चमोली जिले के नौ से अधिक यातायात मोटर पुल! सरपट दौड़ रहे वाहन

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उत्तराखंड के चमोली जिले में नौ से अधिक यातायात मोटर पुल खतरे की जद में हैं, लेकिन खास बात यह है कि इन पुलों में वाहन सरपट दौड़ रहे हैं। लोनिवि ने इन पुलों की मरम्मत के लिए कार्य योजना बनाई है, परंतु धनाभाव नागरिकों की सुरक्षा पर भारी पड़ रहा है। चमोली जिले के थराली विकासखंड में पिंडर नदी पर बने पुल खतरे को देखते हुए दो माह पूर्व ही भारी वाहनोंं की आवाजाही रोकी गई है।

इस पुल से थराली देवाल के दौ सौ से अधिक गांवों को जोड़ने वाला थराली बाजार में पिंडर नदी पर बना पुल के बीच में दरार आने से बड़े वाहनोंं की आवाजाही के लिए प्रतिबंधित किया गया है, जिस कारण भारी वाहनोंं को 45 किमी अतिरिक्त दूरी तय कर वाहनोंं को देवाल पहुंचना पड़ रहा है। जोशीमठ विकासखंड के सलूड़ डुंग्रा मोटर मार्ग पर पुल असुरक्षित घोषित है, लेकिन इस पुल पर भी लोनिवि के कागजों में छोटे वाहनोंं की आवाजाही हो रही है। हालांकि जमीन पर सच्चाई यह है कि पुल पर भारी वाहन भी सरपट दौड़ रहे हैं। कोटद्वार में मालन नदी पर बना आरसीसी पुल के टूटने के बाद चमोली में भी जर्जर पुलों की सर्वे कराया गया। अभी तक प्राप्त प्रारंभिक रिपोर्ट में आठ पुलों गार्डर पुलों की स्थिति सुरक्षा मानकों में उपयुक्त नहीं पाया गया है, जबकि इन पुलों के लिए विभाग ने पहले ही मरम्मत की कार्ययोजना बनाकर शासन को भेजी थी। परंतु नागरिक सुरक्षा के इस साथ साथ करोड़ों के पुल की सुरक्षा के लिए लाखों में धनराशि नहीं मिल पाई है। इन पुलों से गुजर कर पचास हजार से अधिक की आबादी को यातायात सुविधा मिलती है। नंद किशोरी जोशी ने बताया कि असुरक्षित पुलों में लोनिवि को यातायात रोकने के लिए कहा गया है। थराली बाजार में पिंडर नदी पर बने पुल में बड़े वाहनोंं की आवाजाही रोकी गई है। वहीं चमोली लोनिवि अधीक्षण अभियंता राजेश चंद्र शर्मा ने जिले में असुरक्षित पुलों का सर्वे कर मरम्मत के लिए कार्य योजना बनाई गई है। धनावंटन पर इन पुलों की मरम्मत की जाएगी।


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