उत्तराखंड में अब भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया में नहीं उलझेगा सड़कों का निर्माण! प्रदेश सरकार बनाने जा रही नई नीति

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प्रदेश में वनभूमि हस्तांतरण की जटिल प्रक्रिया के कारण सड़क परियोजनाओं के काम में अनावश्यक देरी होती है। इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए प्रदेश सरकार नई नीति बनाने जा रही है। इसके तहत क्षतिपूर्ति पौधरोपण में निर्धारित नीति के अनुसार दोगुना क्षेत्रफल में पौधरोपण के स्थान पर अब बराबर क्षेत्रफल पर पौधरोपण किया जा सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से सशक्त उत्तराखंड @ 25 के लक्ष्यों को हासिल करने के तहत राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप विभिन्न क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान की राह आसान बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए राज्य के विकास की दीर्घकालिक योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इसके लिए सभी विभागों का 10 साल का रोड मैप मांगा गया है।

प्रस्तावित लक्ष्यों के तहत लोनिवि की ओर से भी विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार के साथ ही विकास की योजनाओं को कम से कम समय में पूरा किए जाने के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुझाव दिए गए हैं। इनमें कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री धामी ने सहमति जताई हुए इन्हें आगे बढ़ाने को कहा है। प्रदेश में केंद्रीय सड़क परियोजनाओं को छोड़कर राज्य की जितनी परियोजनाएं होती हैं, उसके सापेक्ष वन भूमि कानून के तहत दोगुनी भूमि पौधरोपण के लिए देनी होती है। जबकि राज्य में इसके लिए सीमित भूमि बची है। लोनिवि ने इसके लिए नई नीति बनाने और इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए प्रस्ताव दिया है। बड़ी परियोजनाओं को पीपीपी मोड पर दिए जाने का प्रस्ताव भी दिया गया है। इसके अलावा भूमि मुआवजा की स्वीकृति, वितरण और काश्तकारों की सहमति लेने में लगने वाले अतिरिक्त समय को कम करने के लिए भी स्थायी रास्ता निकाला जाएगा।

सड़क परियोजनाओं में सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियां

1. वनभूमि हस्तांतरण की जटिल प्रक्रिया के कारण कई प्रस्ताव लंबित

2. भूमि मुआवजा की स्वीकृति, वितरण और काश्तकारों की सहमति लेने में लगने वाला अतिरिक्त समय

3. कार्यानुकूल सीमित मौसम उपलब्ध होना, श्रमिकों की कमी

4. मानसून में भूस्खलन एवं बादल फटने से कार्य प्रभावित

5. पर्याप्त मानव संसाधन की कमी

6. कौशल विकास के लिए मानव और तकनीकी संसाधनों की आभाव

लोनिवि में कौशल विकास और तकनीकी क्षमता को बढ़ाने के लिए आने वाले दिनों कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जा सकते हैं। इसके तहत कुछ नए पदों का सजृन किया जा सकता है, जबकि कुछ ऐसे पदों का समाप्त किया जा सकता है, जिनकी अब कोई उपयोगिता नहीं रह गई है। लोनिवि में उत्कृष्ट एवं अभिनव प्रयोग करने वालों अधिकारियों, कर्मचारियों को विशेष प्रोत्साहन भत्ता दिए जाने का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा नवीनतम तकनीकी प्रयोग एवं विभागीय कार्यों को कुशलता के साथ किए जाने के लिए विभाग में प्रशिक्षण सेल गठित किए जाने का भी प्रस्ताव है।


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