उत्तराखंड: व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर राज्य कर विभाग का छापा! पकड़ी 12 करोड़ की जीएसटी चोरी

Spread the love

उत्तराखंड में राज्य कर विभाग एक तरफ जहां कर दाताओं को समय पर रिटर्न भरने के लिए जागरूक कर रहा है तो वहीं जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ भी ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश के 16 व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गई है। राज्य कर विभाग की टीम ने 12 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी है। कुछ प्रतिष्ठानों ने मौके पर ही 1 करोड़ से ज्यादा जीएसटी भरा है।

बाहर की फर्मों से बोगस बिलिंग पर करोड़ों की जीएसटी चोरी करने के मामले में उत्तराखंड की 12 फर्मों के 16 व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी हुई है। टीम द्वारा 12 करोड़ से अधिक की कर चोरी पकड़ी गई है। कई फर्मों द्वारा मौके पर ही 1 करोड़ से ज्यादा जीएसटी जमा किया गया है। इन फर्मों द्वारा की जा रही धोखाधड़ी को देखकर राज्य कर विभाग की टीम भी भौचक्की रह गई। उत्तराखंड राज्य से बाहर की फर्मों से बोगस बिलिंग की आड़ में बिटुमेन और फ्यूल ऑयल पर जीएसटी चोरी करने के मामले में राज्य कर विभाग द्वारा प्रदेश के सात शहरों में 16 टीमों द्वारा छापेमारी अभियान चलाया गया। इस दौरान टीम ने 12 करोड़ की जीएसटी चोरी करना पाया है। कुछ फर्म द्वारा मौके पर ही 1.33 करोड़ की जीएसटी को जमा किया गया।

जीएसटी चोरी के मामले में ताबड़तोड़ छापेमारी से व्यापारियों में हड़कंप मचा रहा। दरअसल विभाग को सूचना मिली थी कि कुछ व्यापारी जीएसटी की चोरी कर रहे हैं. जिस पर मुख्यालय स्तर से फर्मों पर नजर रखी जा रही थी। गुरुवार को राज्य कर आयुक्त के निर्देश पर 16 टीमों में 60 अधिकारियों को तैनात कर छापेमारी अभियान चलाया गया था। छापेमारी देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, काशीपुर, हल्द्वानी और रुद्रपुर में की गई। टीम द्वारा 12 करोड़ से अधिक की जीएसटी चोरी करना पाया गया। जांच के दौरान प्रकाश में आया कि फर्मों द्वारा उत्तराखंड से बाहर स्थित फर्मों के बिलों की आड़ में बोगस आईटीसी का लाभ लेकर अपनी जीएसटी की देयता को समायोजित किया जा रहा है। फर्मों द्वारा व्यापार से संबंधित दस्तावेज को छुपाने के लिए बिल टू शिप मॉड्यूल का सहारा लिया जा रहा था। इसके अलावा ई वे बिल वाहनों की जांच करने पर प्रकाश में आया कि ई वे बिल में दर्शाए गए स्थल के मार्ग पर स्थित टोल प्लाजा को उक्त वाहन पार ही नहीं कर रहा था। जब फर्मों की बैकवाड़ चेन को खंगाला गया तो टीम ने पाया कि उक्त फार्म अस्तित्व में है ही नहीं या फिर विभाग द्वारा पंजीकरण निरस्त किया गया है। इसके अलावा कई फर्म ऐसे माल की ट्रेडिंग कर रही थीं जिसने कभी वह माल खरीदा ही नहीं था। फर्में ये काम पिछले चार वर्षो से कर रही थी। छापेमारी के दौरान टीम द्वारा मौके से फर्म के दस्तावेज, लैपटॉप कंप्यूटर और मोबाइल फोन को कब्जे में लिया गया है। हालांकि कई फर्म द्वारा मौके पर ही 1.13 करोड़ की जीएसटी को जमा कर दिया है। आयुक्त कर विभाग द्वारा बोगस बिलिंग या फर्जी इनपुट पर लाभ उठाने वाले संस्थानों के खिलाफ आगे भी कार्रवाई जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।


Spread the love