साइबर ठगों को पकड़ने में चुनौती बन रहे फर्जी सिम व बैंक खाते! ठगी से बचने के लिए होना होगा जागरूक

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देहरादून नेहरू कालोनी क्षेत्र में रहने वाली प्रिया को कुछ दिन पहले एक फोन आया। दूसरी तरफ मौजूद शख्स ने कहा कि उनका क्रेडिट कार्ड ब्लाक होने वाला है। उसे जारी रखने के लिए उसने प्रिया को मोबाइल पर एक लिंक भेजा। जिस पर क्लिक करने के कुछ सेकेंड बाद ही प्रिया का खाता खाली हो गया। प्रिया ने मोबाइल पर खाते से पैसे निकलने का संदेश देखा तो आननफानन साइबर थाना पहुंचीं। जिस नंबर से प्रिया को फोन आया था और जिस अकाउंट में रुपये भेजे गए, पुलिस ने उनकी जांच की तो पता चला कि दोनों फर्जी नाम-पते पर हैं। ऐसा केवल प्रिया के मामले में नहीं है बल्कि साइबर ठगी की अधिकांश वारदातों में फर्जी सिम और फर्जी बैंक खाते का इस्तेमाल किया जाता है। यही चुनौती साइबर ठगों को पकड़ने की राह में पुलिस के लिए सबसे बड़ी बाधा बन रही है। साइबर ठगी का मकड़जाल तेजी से फैल रहा है। एक छोटी-सी गलती और पलभर में आपका बैंक खाता साफ।

साइबर ठगों के सबसे अहम हथियार हैं बैंक खाता और मोबाइल नंबर है। साइबर ठगी की कई वारदातों की जांच में सामने आया है कि ये आरोपित जिस शातिर तरीके से ठगी को अंजाम देते हैं, उसी तरह वारदात के लिए संसाधन भी जुटाते हैं। यही वजह है कि वारदात के बाद पुलिस जब ठगों की तलाश में जुटती है तो जिन नंबरों से ठगी की घटना हुई या जिन खातों में धनराशि भेजी गई, उनकी जानकारी समय पर नहीं मिल पाती। देहरादून साइबर थाना पुलिस ऐसे तीन हजार फर्जी सिम कार्ड ब्लाक करा चुकी है। विडंबना यह है कि फर्जी पहचान पत्र से सिम कार्ड 50 से 100 रुपये में आसानी से मिल जाते हैं। पुलिस के लिए ऐसे नंबरों को ब्लाक कराना भी चुनौती से कम नहीं है। इसी तरह विदेश से हो रही साइबर ठगी की घटनाओं में ठग फर्जी आइपी एड्रेस का इस्तेमाल करते हैं। इसकी जानकारी नहीं मिलने से पुलिस उन तक भी नहीं पहुंच पाती। उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ साइबर ठगों पर शिकंजा कसने के लिए साइबर कमांडो तैयार कर रही है। जिनको साइबर एक्सपर्ट प्रशिक्षित कर रहे हैं। ये कमांडो न सिर्फ साइबर ठगी की घटनाओं की जांच करेंगे, बल्कि आमजन को साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूक भी करेंगे। इसके अलावा ठगों तक पहुंचने के लिए एडवांस टूल भी विकसित किए जा रहे हैं। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि देश ही नहीं, विदेश में बैठे साइबर ठग भी हमारी गाढ़ी कमाई पर गिद्ध दृष्टि जमाए हैं। इसलिए हमें खुद भी साइबर ठगों से सावधान रहना होगा।


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