भीमताल–सदियों से निरंतर बहने वाले प्राकृतिक जल स्रोत के एकाएक सूखने से छाया पेयजल संकट, बृजवासी ने जिला प्रशासन से की स्रोत को पुनर्जीवित करने की माँग

Spread the love

भीमताल। पहाड़ के कई क्षेत्रों में आज भी लोग प्राकृतिक जल स्रोतों पर निर्भर रहते हैं। लेकिन गर्मियों में इन स्रोतों में पानी काफी कम हो जाता है जिससे समस्याएं खड़ी होनी शुरू हो जाती हैं। इन जल स्रोतों के सूखने के पीछे गर्मियां जिम्मेदार हैं या अन्य कारण ये एक सोचनीय विषय हैं, क्योंकि ऐसा ही एक प्राकृतिक जलस्रोत भीमताल- हल्द्वानी मार्ग पर भी मौजूद है जो ग्रामीणों को पेयजल आपूर्ति करता था।लेकिन वर्तमान में वह पूरी तरह से सूख गया हैं।
भीमताल राज मार्ग पर मौजूद यह स्रोत सालों से बहता आया है। सड़क से निकलने वाली गाड़ियों के चालक अकसर यहीं रुक कर पानी भरा करते थे। इसके नजदीक ही थकूड़ा वार्ड के लोग भी अकसर इसी स्रोत से पानी भरा करते थे। लेकिन अब यह जलस्रोत पूरी तरह सूख गया हैं।
समाजसेवी पूरन बृजवासी ने बताया कि यह स्रोत सालों पुराना है। इससे एक मिनट में करीब 20 लीटर तक पानी निकला करता था लेकिन पिछले 15-20 दिनों से इसमें पानी की कमी होने लगी और धीरे धीरे ये पूरी तरह से सूख गया है। यह स्रोत भीमताल झील को भी रिचार्ज करने का काम करता था। बृजवासी ने बताया कि इस स्रोत के अचानक सूखने की असली वजह क्या हो सकती है इसको लेकर जल संस्थान या संबंधित विभाग को इसकी जांच करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने जिला अधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी से इस जल स्रोत के अचानक सूखने की जांच कर इसे पुनर्जीवित करने की मांग की है।


Spread the love