देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड 51 वाइब्रेंट विलेज की 34 ग्राम पंचायतों के प्रधान व उनकी पत्नी को स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले के लिए बुलावा भेजा है। राज्य सरकार आईटीबीपी की मदद से इन सभी विशेष आमंत्रित अतिथियों को 15 अगस्त को दिल्ली भेजने की तैयारी में जुट गई है। दिल्ली में पीएम मोदी की इनसे विशेष बातचीत के साथ ही इन्हें सेंट्रल विस्टा का भ्रमण भी कराया जाएगा।
वाइब्रेंट विलेज की नोडल अधिकारी नितिका खंडेलवाल ने बताया कि प्रदेश के 51 सीमावर्ती गांवों को वाइब्रेंट विलेज के तौर पर चुना गया है। इन गांवों के विकास के लिए बड़े पैमाने पर योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि पहली बार इन गांवों की 34 ग्राम पंचायतों के प्रधान, उनके पति या पत्नी को पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर विशेष आमंत्रण दिया है। उन्होंने बताया कि सभी प्रधानों को आईटीबीपी की गाड़ियों की मदद से दिल्ली भेजने की योजना है। इसके लिए आईटीबीपी से बातचीत हो रही है। बताया कि दो दिन के इस दौरे के दौरान सभी अतिथियों को दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान विशेष जगह पर बैठाया जाएगा। दूसरे दिन 16 अगस्त को सभी को नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा का भ्रमण भी कराया जाएगा। वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत उत्तराखंड के 51 सीमावर्ती गांवों को चुना गया है। यहां सरकार सड़क के साथ पानी और बिजली की भी सुविधा देने जा रही है। योजना के तहत सरकार सीमावर्ती गांवों में विकास करके लोगों का पलायन रोकना चाहती है। आपको बात दे केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा उत्तराखंड के सीमांत गांवों को निखारने के लिए प्रयास जारी है। इसके लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में चीन और नेपाल की सीमा से सटे उत्तराखंड के गांवों की न केवल तस्वीर बदलेगी बल्कि वहां से पलायन पर भी अंकुश लग सकेगा। केंद्र सरकार का ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ इसकी राह सुगम बनाएगा, जिसके क्रियान्वयन के लिए सरकार कार्ययोजना तैयार कर रही है। इसके तहत कई विकास कार्य कराए जाएंगे जिससे वहां के लोगों को काफी फायदा होगा।