केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत विवाद मामले में कमिश्नर की निगरानी में होगी जांच

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ऊतराखंड केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने को लेकर उठे विवादों की जांच गढ़वाल कमिश्नर की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी। कमेटी में तकनीकी विशेषज्ञों संग सोने की परत चढ़ाने का काम करने वाले सुनार को भी शामिल किया जाएगा। प्रदेश के पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कहा गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के मामले में अफवाह फैलाकर राजनीति की जा रही है। इससे धार्मिक आस्था आहत हो रही है। अफवाहों पर विराम लगाने और सच्चाई सामने लाने के लिए सचिव धर्मस्व को गढ़वाल कमिश्नर की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर जांच करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा विपक्षी दल आस्था से जुड़े मामले को अनावश्यक तूल देकर चारधाम यात्रा में खलल डालने की कोशिश कर रहे हैं। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार धार्मिक आस्था से जुड़े मामले को लेकर संवेदनशील है। मंत्री ने सभी से आग्रह किया कि केदारनाथ धाम पर विवाद खड़ा न करें। सतपाल महाराज ने कहा कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानदाता से दान को स्वीकारा है। समिति की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए प्रदेश शासन से अनुमति ली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखदेख में ही स्वर्ण मंडित करने का कार्य किया गया था।कहा बीकेटीसी की ओर से गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने की अनुमति दानदाता की आस्था और भावना के अनुरूप गई थी। सोना खरीदने से लेकर गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने का संपूर्ण कार्य दानी की ओर से अपने स्वर्णकार से कराया गया। स्वर्ण व तांबे की प्लेटों के आधिकारिक बिल और बाउचर भी बीकेटीसी को कार्य पूर्ण होने के बाद दिए गए।


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