उत्तराखंड में 15 प्रजातियों के पेड़ों को छोड़कर बाकी को काटने की मिली अनुमति! वन मंत्री के आदेश से सामाजिक कार्यकर्ता हैरान

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उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने 15 प्रजाति के पेड़ों को छोड़कर अन्य प्रजाति के पेड़ों को काटने की अनुमति दी है, जिसके तहत कटहल और सिंबल के पेड़ काटे जा सकेंगे। उनके इस फैसले पर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए हैं।

एक तरफ वन विभाग हरेला पर्व मना रहा है, जिसके तहत हजारों पेड़ लगाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ वन मंत्री ने 15 प्रजाति के पेड़ों को छोड़कर अन्य प्रजातियों के पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि अगर कोई वन माफिया इनकी आड़ में प्रतिबंधित प्रजातियों के पेड़ों को काटता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पीपल, बांज, खैर, देवदार, बिजा साल, बुरांस, शीशम, सागौन, सदन, साल, चीड़, अखरोट, आम और लीची प्रतिबंधित प्रजातियां हैं। इसके अलावा अब जिन प्रजातियों को छूट दी गई है, उसमें मुख्य रूप से कटहल, तुन, सिंबल, आंवला, जामुन, बहेड़ा, काफली, हरड़ और अन्य प्रजाति के पेड़ शामिल हैं। इससे पहले इन पेड़ों को काटने के लिए परमिशन लेनी पड़ती थी, लेकिन अब इन्हें छूट की श्रेणी में डाल दिया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर जोशी ने बताया कि वन विभाग के इस फरमान के बाद वन तस्कर सक्रिय दिखाई दे रहे हैं और इस आदेश की आड़ में प्रतिबंधित पेड़ों पर भी कुल्हाड़ी चलाई जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि 15 प्रजाति के पेड़ों को छोड़कर अन्य प्रजाति के पेड़ों को काटने की अनुमति देने की क्या आवश्यकता पड़ गई। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि 15 प्रजाति के पेड़ों को छोड़कर अन्य प्रजाति के पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई है और अगर कोई वन माफिया इनकी आड़ में प्रतिबंधित प्रजातियों के पेड़ों को काटता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।


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