प्राकृतिक सौंदर्यता से परिपूर्ण उत्तराखंड के लिए बारिश का सीजन एक श्राप की तरह हर साल आता है, जिसकी जद में आने वाली हर एक चीज का बुरा हश्र हो जाता है। इस समय भी बरसात का मौसम अपने चरम पर है। पहाड़ों में हो रही बारिश से छोटी-छोटी नदियों का जलस्तर का भी काफी हद तक बढ़ गया है, जिसके बेहद खौफनाक मंजर हर रोज सामने आने लगे हैं।
उत्तराखंड की प्रमुख नदियों में से एक काली नदी प्रदेश के पिथौरागढ़ जिले में कालापानी नामक स्थान निकलती है। इसके किनारों में कई गांव और नगर बसे हुए हैं। काली नदी के किनारे बसा धारचूला भी इनमें से एक है। दो दिन पहले तक काली नदी का जलस्तर चेतावनी लेबल की तरफ 889 मीटर के नीचे चल रहा था, लेकिन दो दिन में हुई बरसात के कारण इसका जलस्तर चेतावनी लेबल से ऊपर पहुंच गया। काली नदी के किनारे बने मकानों को खाली करवा दिया गया है। नदी के पानी का बहाव इतना तेज है कि इसके किनारे से मिट्टी का कटान तेजी से हो रहा है। इसी बीच एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक दो मंजिला मकान पलक झपकते ही खाई में समा गया। वीडियो के बारे में बताया गया कि पिथौरागढ़ जिले के सीमांत क्षेत्र धारचूला में लगातार हो रही बारिश के कारण काली नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे बना एक घर बह गया। धारचूला प्रशासन ने पहले ही मकान खाली करा लिया था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई है। गौरतलब है कि उत्तराखंड के उच्च हिमालय में भारी बारिश कहर बरपा रही है। गुंजी आदि कैलास मार्ग पर स्थित नाबी में बरसात के बाद उफान पर आए नाले का पानी गांव में घुस गया, जिससे गांव में पानी और मलबा जम गया है। बताया गया कि एनएचपीसी के धौली गंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट के बांध का पानी छोड़े जाने से काली नदी उफान पर है। नदी में खोतिला में श्मशान घाट और कब्रिस्तान सहित एक गौशाला बह गई है। चार परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है। नदी किनारे रहने वालों को सचेत कर दिया है।