Friday, March 29, 2024
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देहरादून– सीएम धामी के निर्देश के बाद राज्य में वृहद स्तर पर चलाया जा रहा हैं सत्यापन अभियान, 3000 संदिग्धों की हुई पहचान, कई तथ्य आए सामने

देहरादून। उत्तराखंड में बाहरी लोगों के लगातार बढ़ते दखल को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे राज्य में वृहद स्तर पर सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद इन दिनों राज्य के सभी 13 जिलों में सत्यापन अभियान चलाया जा रहा हैं। पुलिस घर घर जाकर दस्तावेज़ मांग कर बाहरी लोगों का सत्यापन कर रही है।
जिसके तहत राज्यभर में अब तक करीब 47 हज़ार लोगो का सत्यापन किया गया है जिनमे से 3000 के लगभग ऐसे लोग पाए गए है जो संदिग्ध थे। जिन पर पुलिस द्वारा इन सभी संदिग्धों का चालान भी काटा गया है । पुलिस ने बताया की यह सत्यापन अभियान ऐसे बाहरी व्यक्ति के लिए है जिसके पास न तो आधार कार्ड है ना ही कोई और पहचान पत्र। इसके अलावा जिनके पास एक से अधिक अलग अलग क्षेत्र के आधार कार्ड है उन सभी को संदेह के घेरे में रखकर जांच की जा रही हैं और उनके खिलाफ भी अभियान चलाया जा रहा है। इनमें मुख्य रूप से बांग्लादेश के रोहिंग्या शामिल है।
गौरतलब हो की बांग्लादेश से उत्तराखंड के अंदर दाखिल हुए रोहिंग्या लोगो को लेकर हाईकोर्ट अधिवक्ता नितिन कार्की और बीजेपी नेता मनोज जोशी ने मुख्यमंत्री धामी को ज्ञापन भी सौंपा हैं ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दलालों के माध्यम से भारी संख्या में रोहिंग्या हल्द्वानी, नैनीताल,उधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़ इत्यादि जगह पहुंच रहे है। जिससे उत्तराखंड की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत को एक बड़ा खतरा पैदा होता जा रहा है।
वहीं ऐसा भी कहा जा रहा है कि पहाड़ों के कुछ स्थानीय लोग दलालों के माध्यम से कम कीमत पर बिना सत्यापन के ही बाहरी लोगों को ज़मीन बेच रहे है। वहीं यह बात भी सामने आई है की 2012 के बाद एकाएक उत्तराखंड में कुछ विशेष के धार्मिक स्थलों की संख्या में वृद्धि हुई है। तो वहीं सरकारी भूमि पर धार्मिक स्थल के नाम पर कई जगह सिर्फ दीवारें खड़ी कर धार्मिक स्थल के नाम पर ज़मीन पर कब्जा कर लिया गया है।
उत्तराखंड में इस तरह की घुसपैठ पर बिना नाम प्रकाशित करने की शर्त पर एक प्रवासी भारतीय ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड वालों को जागना होगा ताकि समय रहते उत्तराखंड को जलता हुआ कश्मीर बनाने से रोका जाए। आने वाले समय मे इस तरह की घुसपैठ पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है।
उनका ये भी कहना है कि रोहिंग्याओ के आधार कार्ड की भी जांच होनी चाहिये। सत्यापन अभियान में कुछ लोगो के पास एक से अधिक आधार कार्ड मिले है। जिससे स्थानीय ग्राहक सेवा केंद्र (C S C) भी शक के दायरे में है ।
ऐसे में सीएससी (CSC) सेंटरों की भी जांच होनी चाहिए, और जिस व्यक्ति ने ग्राहक सेवा केंद्र खोल रखा है उसका सामाजिक दृष्टिकोण से सत्यापन भी जरूरी है । चूंकि आधार कार्ड सीएससी सेंटर से बनाये जाते है , इसीलिए पुलिस को चाहिए कि सत्यापन अभियान के तहत ग्राहक सेवा केंद्र (सीएससी) की भी जांच के साथ ग्राहक सेवा केंद्र के स्वामी की भी जांच हो । साथ ही सत्यापन अभियान केवल दिन में ही न करके रात को भी डोर टू डोर किया जाए ताकि दिन में गायब रहने वाले संदिग्ध लोगों को रात को पकड़ा जा सकें।

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