उत्तराखंड विधानसभा में बैक डोर भर्ती का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। साथ ही मामले को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. बीती रोज पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने बैक डोर भर्ती को लेकर सनसनीखेज बयान दिया था। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि विधानसभा में नियुक्तियों की जांच हुई तो बीजेपी की आधी सरकार जेल में होगी। क्योंकि भर्तियों में धन लिया गया है। जिस पर सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि पहले ही नियुक्तियां रद्द हो गई है और यह मामला न्यायालय के अधीन चल रहा है। लिहाजा इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है। दरअसल उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने साल 2016 से 2022 तक के सभी तदर्थ नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। जिसके बाद से ही नौकरी से निकाले गए लोग और विपक्ष लगातार सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है। इसी बीच पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने आरोप लगाते हुए कहा था कि विधानसभा में नियुक्तियों में पैसों का लेनदेन हुआ है। यदि इस मामले की जांच हुई तो बीजेपी की आधी सरकार जेल में होगी। वहीं उनके बयान के जवाब में सीएम धामी ने कहा कि नियुक्तियां रद्द की जा चुकी है।
उत्तराखंड सहकारिता विभाग में भर्ती घोटाले की जांच के सवाल पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जिन-जिन जगहों पर भर्तियों में गड़बड़ियां हुई है। उन सब पर कार्रवाई होगी लेकिन जांच के बाद कार्रवाई होगी। साथ ही कहा कि इस दिशा में जो प्रयास शुरू की गई है, वो तब तक चलती रहेगी, जब तक पूरी पारदर्शिता और संपूर्ण गड़बड़ियां ठीक न हो जाएं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए अच्छा खाका तैयार किया जा रहा है। ताकि सभी परीक्षाएं निष्पक्ष हो सके।