हल्द्वानी में किसानों की भूमि को प्रॉपर्टी डीलर खरीद-फरोख्त कर कॉलोनियां काट रहे हैं। जिस पर प्रशासन ने तिरछी नजर कर ली है. प्रशासन ने सभी प्रॉपर्टी डीलरों को रेरा के नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। जब कि सामाजिक संगठनों का कहना है कि रेरा एक्ट के तहत छोटे किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
नैनीताल जिले के कई क्षेत्रों में किसानों की उपजाऊ भूमि को प्रॉपर्टी डीलर खरीद-फरोख्त कर बेधड़क कॉलोनियां काट रहे हैं। गौलापार स्थित प्रस्तावित हाईकोर्ट क्षेत्र में प्रॉपर्टी डीलर सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में जिला प्रशासन ने कृषि भूमि की खरीद-फरोख्त कर कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन द्वारा कॉलोनी काटने वालों से रेरा का नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन प्रॉपर्टी डीलर के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। जिसके बाद गलत तरीके से हो रही रजिस्ट्री पर जिलाधिकारी वंदना सिंह ने रोक लगा दी है। जिलाधिकारी का कहा है कृषि भूमि की खरीद-फरोख्त पर रोक नहीं है लेकिन जो भी प्रॉपर्टी डीलर कॉलोनियां काट रहे हैं वह रेरा के नियमों के तहत कॉलोनी को तैयार करें। ऐसे में अब प्रॉपर्टी डीलर और किसानों ने रेरा एक्ट के नियमों पर सवाल खड़े किए हैं। समाजसेवी संगठनों ने कहा कि जिस तरह से रेरा एक्ट के तहत छोटे किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। किसान संघर्ष समिति ने प्राधिकरण पर छोटे किसानों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। राज्य आंदोलनकारी और कांग्रेस नेता ललित जोशी सहित कई किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि प्राधिकरण को रेरा नियमों को वर्गीकृत करना चाहिए जिससे कि छोटे किसानों का उत्पीड़न ना हो सके। अपनी जमीनों की खतौनी दिखाते हुए किसान संघर्ष समिति के लोगों ने कहा कि किसानों पर जब आर्थिक संकट पैदा होता है तब वह मजबूरी में अपनी जमीन बेचता है। ऐसे में जब छोटे किसानों को अपनी जमीन बेचने का अधिकार ही नहीं मिलेगा तो वह मुसीबत के समय क्या करेंगे। लिहाजा किसान संघर्ष समिति ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रशासन रेरा के नियमों को स्थिरीकरण नहीं करता है तो सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा।