नई टिहरी में विस्थापित परिवारों से नहीं लिया जाएगा पानी और सीवर का बिल

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नई टिहरी शहर में विस्थापित परिवारों से पानी और सीवर का शुल्क ना लिए जाने पर शहरवासियों और नागरिक मंच ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद अदा किया। जी 20 कार्यक्रम टिहरी में रखे जाने पर भी खुशी जताई गई। टिहरी जिले में 5 साल से ज्यादा रहने वाले अधिकारियों के ट्रांसफर के बारे में भाजपा संगठन और सरकार से बात की जाएगी, ये फैसला भी लिया गया।

भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश नौटियाल ने बताया कि अब नई टिहरी शहर में निवासरत विस्थापित परिवारों से पानी और सीवर का बिल नहीं लिया जाएगा। इस मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पानी के बिलों की सहमति पर जल्द ही जीओ जारी करने का भरोसा भी दिया है। जीओ जारी होते ही नई टिहरी शहर के पानी के बिलों के विवाद का पटाक्षेप हो जायेगा। साथ ही जिन स्थानीय लोगों व व्यवसासियों को बिलों को लेकर आरसी जारी की गई है उन्हें जल संस्थान रोकने का काम करेगा। नई टिहरी शहर में नागरिक मंच के अध्यक्ष सुंदर लाल उनियाल ने कहा कि इन मामलों की शुरू से वह लड़ाई लड़ रहे थे। टिहरी झील का गंदा पानी लोगों को पिलाया जा रहा है। फिर उसका बिल वसूल किया जा रहा था. पुनर्वास विभाग की हनुमंत राव कमेटी ने साफ निर्णय लिया था कि जो विस्थापित परिवार हैं उनसे पानी और सीवर का बिल नहीं लिया जाएगा। आज इस लंबी लड़ाई का सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पानी और सीवर के बिल पर रोक लगाने की सहमति देकर समाधान कर दिया है. इसके लिए हम सीएम का धन्यवाद करते हैं। वहीं जिलाध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड को जी 20 कार्यक्रम की मेजबानी मिली है। इतने बड़े वैश्विक कार्यक्रम को टिहरी में आयोजित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद देते हैं। जी 20 सम्मेलन टिहरी में भी रखा गया है जिसके लिए भाजपा और जिला प्रशासन पूरी तैयारी में जुटा है। इस जी 20 समिट में गढ़वाली संस्कृति और खानपान सहित पहाड़ी परिवेश के बारे में बताया जाएगा। टिहरी जिले में 5 साल से ज्यादा समय से रहने वाले अधिकारियों के बारे में भी चर्चा हुई /जिलाध्यक्ष राजेश नौटियाल ने कहा कि जिले में ऐसे अधिकारी जिनको पांच साल से ज्यादा का समय हो गया है, संगठन और सरकार के सामने यह बात रखी जायेगी। जो अधिकारी जनता की समस्याओं को नहीं सुनेगा उनके खिलाफ भी सरकार और संगठन में बात की जाएगी। जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश नौटियाल ने बताया कि पेयजल सचिव नितेश झा, जल संस्थान की मुख्य महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग, महाप्रबंधक आरके रुहेला के साथ बैठक में तय हुआ है कि शहर के घरेलू उपभोक्ताओं, मूल विस्थापित परिवारों का 2018 से 2023 तक जल शुल्क और सीवर शुल्क माफ किया जाएगा जो मूल विस्थापित घरेलू उपभोक्ता नहीं हैं उन्हें विलंब शुल्क माफ करते हुए बिल की राशि तीन किश्तों में में जमा करनी होगी। अघरेलू उपभोक्ता जो मूल विस्थापित हैं, को घरेलू दर पर बिल का भुगतान करना होगा. इसमें विलंब शुल्क माफ होगा। इनका 2018 तक का जल मूल्य व सीवर शुल्क भी माफ किया जायेगा। अघरेलू उपभोक्ता जो मूल विस्थापित नहीं हैं, को 2018 तक के जल मूल्य व सीवर शुल्क माफ किया जायेगा। जबकि 2018 से 2023 तक विलंब शुल्क माफ करते हुए शेष बिल राशि का तीन किश्तों में भुगतान सुनिश्चित करना होगा। अप्रैल 2023 से सभी उपभोक्ताओं को नीति के अनुसार बिल नियमित जमा करने होंगे जिसके लिए एक कमेटी का गठन किया जायेगा. कमेटी बिलों को लेकर नीति बनायेगी. बताया गया कि अतिरिक्त भूमि मामले में अगले महीने सीएम से फिर शिष्ट मंडल मुलाकात करेगा।


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