उत्तराखंड में वन विभाग के बड़े अधिकारियों के तबादलों पर कसरत पूरी कर ली गई है। इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के इन अधिकारियों की जल्द ही नई जिम्मेदारी से जुड़ी सूची जारी होने जा रही है। जिसमें कई महत्वपूर्ण पदों पर बदलाव दिखाई देगा। खास तौर पर गढ़वाल चीफ से लेकर मसूरी और देहरादून के डीएफओ भी बदले जा रहे हैं। आईएफएस अफसरों के होंगे तबादले: इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के अधिकारियों को आगामी जिम्मेदारियों के लिए जल्द ही तबादला सूची जारी होने जा रही है। हाल ही में सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू की अध्यक्षता में सचिवालय परिसर में आहूत की गई। जिसमें अधिकारियों की नई सूची को लेकर चिंतन किया गया। खबर है कि अगले 1 से 2 दिनों में करीब 15 से 20 आईएफएस अधिकारियों की तबादले से जुड़ी सूची जारी होगी। इसमें सबसे महत्वपूर्ण पद के रूप में गढ़वाल चीफ के तौर पर नए अधिकारी को जिम्मेदारी मिलने जा रही है।
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल के पद पर नरेश कुमार को जिम्मेदारी मिल सकती है। नरेश कुमार फिलहाल वन विभाग में ईको टूरिज्म की जिम्मेदारी देख रहे हैं। उधर मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल के तौर पर काम कर रहे सुशांत पटनायक को प्रतिनियुक्ति पर पर्यावरण विभाग में सदस्य सचिव की जिम्मेदारी मिलने के बाद से ही नए चेहरे को लेकर तलाश शुरू कर दी गई थी। वन विभाग में होने वाले तबादलों में देहरादून के डीएफओ नीतीश मणि त्रिपाठी को भी हटाया जा रहा है। इसके अलावा मसूरी के डीएफओ को हटाकर किसी और को इस पद के लिए जिम्मेदारी दी जाएगी। गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क से भी उपनिदेशक को हटाए जाने की चर्चा है। जिसके लिए नए चेहरे को भी तलाश लिया गया है। जैव विविधता बोर्ड से राजीव भरतरी के रिटायर होने के बाद से ही खाली पड़े चेयरमैन के पद को भी इस सूची में भरा जाएगा। जानकारी के अनुसार धनंजय मोहन को इसकी जिम्मेदारी मिलने जा रही है. बताया जा रहा है कि युवा आईएफ़एस अधिकारी दीपक सिंह को भी काफी अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। यही नहीं कॉर्बेट में निदेशक रहे राहुल को बम्बू बोर्ड में नई जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा है। वन मुख्यालय में फॉरेस्ट फायर सीजन के दौरान सीसीएफ निशांत वर्मा को उसी पद पर बरकरार रखा जाएगा। खास बात यह है कि मानव संसाधन की जिम्मेदारी भी उनके पास बरकरार रखने की खबर है। कॉर्बेट नेशनल पार्क में निदेशक के तौर पर फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। इसी तरह राजाजी नेशनल पार्क में भी निदेशक पद पर कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि राजाजी नेशनल पार्क में हाल ही के दौरान बाघिन को ट्रांसलोकेट करते हुए कुछ ऐसे विवाद भी खड़े हो गए थे जिसने निदेशक के लिए कुछ असहज स्थिति पैदा कर दी थी। उधर दूसरी तरफ कुमाऊं चीफ के तौर पर पीके पात्रो ने खुद को साबित किया है। वह भी अपने इसी पद पर बने रहेंगे।