उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए मसूरी पहुंची। इस दौरान उन्होंने कहा बाल संरक्षण आयोग समय-समय पर शिक्षा विभाग को स्कूलों में की जा रही मनमानी को लेकर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश देता रहा है। पूर्व में भी कुछ स्कूलों द्वारा मनमानी और बच्चों के उत्पीड़न का मामला संज्ञान में आया था। जिसके बाद इन स्कूलों की मान्यता को रद्द करने की संस्तुति की गई थी। उन्होंने कहा आयोग ने पिछले दिनों कई स्कूलों द्वारा फीस में वृद्धि और किताबों को लेकर की जा रही धांधली को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा सरकारी स्कूलों में सरकार द्वारा मिलने वाली निशुल्क किताबें और ड्रेस में होने वाली देरी को लेकर भी लगातार शिक्षा विभाग से वार्ता कर उसे जल्द से जल्द दिलाने की कोशिश की जाती रही है।
वहीं प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी को लेकर मिल रही शिकायतों का तत्काल संज्ञान लेते हुए उस पर कार्रवाई की जा रही है। नियमानुसार ली जाने वाली फीस को ही अभिभावकों को जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा सालाना फीस के नाम पर स्कूल प्रबंधकों द्वारा की जा रही उगाई को लेकर भी आयोग द्वारा सख्त कार्रवाई की गई है। उन्होने कहा पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी आयोग के अध्यक्ष ने अपना मोबाइल नंबर सार्वजनिक किया है। उनके मोबाइल पर ही लोग व्हाट्सएप के माध्यम से शिकायत करते हैं। वही ईमेल आईडी भी लोगों को शेयर की गई है. जिस पर भी लोग अपनी शिकायत भेज सकते हैं। शिकायतकर्ता की शिकायत का आयोग द्वारा तत्परता से आकलन किया जाता है। साथ ही उसके तहत कार्रवाई की जाती है। इतना ही नहीं शिकायतकर्ता का नाम भी गोपनीय रखा जाता है। वहीं शिकायत करने पर किसी बच्चे या अभिभावक का उत्पीड़न होता है तो उसका संज्ञान लेते हुए उस स्कूल प्रतिष्ठान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। पिछले दिनों शिकायत मिली थी कि कई बच्चों का स्कूल द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा था जिस पर सख्त कदम उठाते हुए स्कूल की मान्यता समाप्त करने के लिए शिक्षा विभाग को संस्तुति की गई थी।