Friday, June 2, 2023
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नैनीताल– अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सुरक्षा, घरेलू हिंसा व महिला अधिकारों के संबंध में अयोजित होगा राष्ट्रीय सेमिनार

नैनीताल। डी एस बी परिसर, कुमाऊं विश्विद्यालय के गृह विज्ञान विभाग द्वारा 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। जिसके संबंध में सोमवार को राज्य अतिथि सभागार में सेमिनार के विषय में चर्चा कर रूपरेखा तय की गयी।
गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष लता पांडे ने बताया की सेमिनार में “महिलाओं को अपमानजनक सबंधों की पहचान एवं घरेलू हिंसा से संबंधी अधिकारों एवं अधिनियमों के लिए जागरूकता कार्यक्रम” होगा।सेमिनार के संरक्षक कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एन के जोशी रहेंगे तथा सेमिनार निदेशक प्रो. लता पांडे एवं संयोजक डॉ छवि आर्य रहेंगी। यह सेमिनार 15-60 वर्ष की ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं के लिए आयोजित किया जा रहा है। जिसमें 200 से अधिक महिलाएं प्रतिभाग करेंगी।
विभागाध्यक्ष प्रो. लता पांडे ने बताया की घरेलू हिंसा किसी साथी के साथ किया गया अपमानजनक दुर्व्यवहार होता है जो कई रूप ले सकता है। अक्सर घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं होती है। घरेलू हिंसा महिलाओं की सुरक्षा को उनके अपने ही घर में चुनौती देता है।
बताया की घरेलू हिंसा न केवल एक गंभीर समस्या है , बल्कि एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या का विषय भी है। जो मुख्य रूप से पुरुषों और महिलाओं के बीच निर्णय लेने की शक्ति असंतुलन के कारण होता है । यह एक अपमानजनक व्यवहार है जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति पर अधिकार प्राप्त करने का प्रयास करता है तथा उनके जीवन को नियंत्रित करना चाहता है। बताया की वर्तमान में यह बुराई सामाजिक संरचना के भीतर गहरी जड़े जमा चुकी है , लेकिन घरेलू हिंसा की घटनाओं की बहुत कम शिकायत दर्ज की जाती है।
बताया की कोविड -19 महामारी के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई । राष्ट्रीय महिला आयोग ने वर्ष 2020 और 2021 में बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज की । घरेलू हिंसा की पहचान करना अक्सर मुश्किल होता है साथ ही कई मामलों में कानूनी अधिकारियों तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं तक इसकी शिकायत नहीं पहुँचती है । घरेलू हिंसा के कारण मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ बिगड़ता है , जीवन की गुणवत्ता और उत्पादकता में कमी आती है। बताया की घरेलू हिंसा के मुद्दे की गंभीरता और तात्कालिकता को ध्यान में रखते हुए इस संगोष्ठी का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ती हिंसा और उसकी गंभीरता तथा खतरों पर गहराई में चर्चा करना है।

इस दौरान आयोजन समिति के सदस्य गुंजन तिवारी, बबिता , दिव्या तथा कृतिका उपस्थित रहे।

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