देहरादून: उत्तराखंड गृह विभाग ने साल 2015 पुलिस दारोगा भर्ती में गड़बड़ी की आशंका के चलते विजिलेंस को जांच के आदेश दिए हैं. गृह विभाग से इस भर्ती को लेकर जांच के आदेश होते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है. इससे पहले उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) 2021 पेपर लीक मामले में एसटीएफ की जांच के दौरान भी कुछ ऐसे तथ्य सामने आए, जिसमें इस पुलिस दारोगा भर्ती में गड़बड़ी की बातें सामने आई हैं.
UKSSSC पेपर लीक घोटाले की जांच के दौरान कई अन्य भर्तियों में भी गड़बड़ी की बातें सामने आई हैं. इन्हीं में से एक 2015 में हुई पुलिस दारोगा भर्ती भी शामिल है. इसी के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को पुलिस विंग को छोड़ किसी अन्य जांच एजेंसी से 2015 दरोगा भर्ती में गड़बड़ी आशंका जाहिर करते हुए निष्पक्ष पारदर्शी जांच की प्रस्ताव भेजा था.उसी प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए गृह विभाग ने विजिलेंस को साल 2015 दारोगा भर्ती जांच के आदेश दिए हैं. बता दें कि विजिलेंस पुलिस विभाग के अधीन नहीं आता. यही कारण है कि मुख्यालय के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए विजिलेंस को जांच सौंपी गई है.
UKSSSC पेपर लीक मामले से तथ्य आए सामने: साल 2015 में दारोगा भर्ती प्रकरण में कुछ एक पदों पर काफी समय से गड़बड़ी की आशंका जाहिर की जा रही थी. वहीं, पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बात की घोषणा की थी कि जिस भी भर्ती में धांधली की आशंका है, उसकी जांच तत्काल कराई जाए. इसी क्रम में वर्तमान में UKSSSC पेपर लीक मामले में एसटीएफ की ताबड़तोड़ जांच पड़ताल में साल 2015 दारोगा भर्ती में कुछ पदों पर गड़बड़ी की बात सामने आई है. इसी को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को पुलिस से इतर अन्य एजेंसी से जांच कराने का प्रस्ताव भेजा.
कितनी सरकारी भर्तियों में गड़बड़ी की होगी जांच: उत्तराखंड में एक के बाद एक सरकारी नौकरियों के भर्ती प्रक्रिया में धांधलेबाजी के सबूत सामने आते ही वर्तमान में अब एक साथ आधा दर्जन भर्तियों की जांच जारी है. ऐसे में ये चिंता का विषय है कि राज्य गठन 22 सालों में हुई सरकारी भर्तियों में कितनी गड़बड़ियां हुई होंगी.